शिवराज का ऑडियो वायरल: केंद्रीय नेतृत्व से मिला था सरकार गिराने का आदेश
भोपाल ब्यूरो। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमे वे कह रहे हैं कि कमलनाथ सरकार को गिराने का आदेश केंद्रीय नेतृत्व से मिला था, अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया और तुलसी सिलावट साथ नहीं देते तो कमलनाथ सरकार को नहीं गिरा पाते।
वायरल ऑडियो में शिवराज सिंह ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व ने तय किया कि सरकार गिरनी चाहिए, नहीं तो ये बर्बाद कर देगी। ज्योतिरादित्य सिंधिया और तुलसी भाई के बिना क्या सरकार गिर सकती थी? दूसरा तरीका नहीं था।
वायरल ऑडियो में शिवराज ने आगे कहा कि कांग्रेस कह रही है कि धोखा सिंधिया और तुलसी सिलावट ने दिया है, जबकि सच यह है कि धोखा कांग्रेस ने दिया है। आप बताइए, अगर तुलसी विधायक नहीं बने तो क्या मैं सीएम रहूंगा, क्या प्रदेश में भाजपा की सरकार रहेगी?
ऑडियो वायरल होने के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस ने बीजेपी और शिवराज सिंह चौहान को कटघरे में खड़ा किया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के ट्विटर हैंडलर से ट्वीट कर कहा गया कि ‘शिवराज जी ने बताया- केन्द्रीय नेतृत्व के कहने पर मप्र सरकार गिराई..! मोदी जी,—आपने लोकतंत्र की हत्या की है, या आपके सीएम आदतन लफ़्फ़ाज़ी कर रहे हैं..?’
दावा किया जा रहा है कि यह ऑडियो दो दिन पहले इंदौर में सांवेर विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को संबोधित करने का है। शिवराज ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही।
मुख्यमंत्री चौहान ने कार्यकर्ताओं से यह भी पूछा कि अगर तुलसी सिलावट उप-चुनाव में विधायक नहीं बन पाए तो क्या वे मुख्यमंत्री रह पाएंगे, क्या प्रदेश में भाजपा की सरकार रह पाएगी? इस पर कार्यकर्ताओं ने जवाब दिया नहीं।
यदि किसी भी सोर्स से प्राप्त यह ऑडीओ सही है तो देश के लिए अत्यंत शर्मनाक है।केंद्र के षड्यंत्र से विपक्ष की राज्य सरकारें गिराना भाजपा की अल्प काल में जीत ज़रूर है मगर हमारे समविधान और प्रजातांत्रिक मूल्यों की हार है।पैसे के दम सरकारें बनाना या गिराना छोटी मानसिकता का प्रतीक https://t.co/CcwYKjPwwp
— Vivek Tankha (@VTankha) June 10, 2020
वहीँ कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि ‘यदि किसी भी सोर्स से प्राप्त यह ऑडीओ सही है तो देश के लिए अत्यंत शर्मनाक है।केंद्र के षड्यंत्र से विपक्ष की राज्य सरकारें गिराना भाजपा की अल्प काल में जीत ज़रूर है मगर हमारे समविधान और प्रजातांत्रिक मूल्यों की हार है।पैसे के दम सरकारें बनाना या गिराना छोटी मानसिकता का प्रतीक।’