खाली हाथ वापस लौटे शिवराज, क्या खतरे में आ गई है कुर्सी ?
नई दिल्ली। लगातार दो दिनों तक नेताओं से मुलाकात और बैठकें करने के बाद आखिरकार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बैरंग वापस लौट गए हैं। मंत्रिमंडल विस्तार पर अभी भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
रविवार को दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने दिल्ली प्रवास के दौरान बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से चार बार, गृहमंत्री अमित शाह से दो बार, नरेंद्र सिंह तोमर से दो बार और पीएम नरेंद्र मोदी, ज्योतिरादित्य सिंधिया और बीएल संतोष से एक-एक बार मुलाकात की।
हालाँकि उनकी सबसे संक्षिप्त मुलाकात पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ रही। वे गृह मंत्री अमित शाह से मिलने उनके आवास पर पहुंचे और मात्र 20 मिनिट में ही बाहर आ गए।
वहीँ शिवराज की मुलाकातों के बीच पार्टी हाईकमान ने नरोत्तम मिश्रा को दिल्ली तलब कर लिया। इसके बाद कयास और गहरे होते चले गए। मतलब साफ़ है कि पार्टी हाईकमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से संतुष्ट नहीं है, इसलिए आनन फानन में मध्य प्रदेश में बीजेपी के नंबर दो कहे जाने वाले नरोत्तम मिश्रा को दिल्ली तलब किया गया है।
वहीँ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के बैरंग भोपाल लौटने के बाद यह साफ़ हो गया है कि शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार को संकट के बादल घेर चुके हैं। कहा जा रहा है कि उपचुनाव को लेकर हुई चर्चा के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बारे में कुछ बातें पार्टी के अध्यक्ष जे पी नड्डा के सामने रखी थीं और ये बातें गृह मंत्री अमित शाह तक भी पहुंचाई गई हैं। इसके बाद फैसला लिया गया कि गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को दिल्ली तलब किया जाए।
फिलहाल देखना है कि शिवराज सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार कब तक हो पाता है। ताजा स्थति को देखें तो मुख्यमंत्री शिवराज की कुर्सी भी खतरे से खाली नहीं हैं और पार्टी हाईकमान कोई बड़ा कदम भी उठा सकता है।