कमलनाथ सरकार में किसानो की कर्जमाफी पर कृषि मंत्री के लिखित जबाव से फंसी बीजेपी
भोपाल ब्यूरो। कमलनाथ सरकार में किसानो की कर्जमाफी को नकार रही बीजेपी अपनी ही सरकार के मंत्री के लिखित जबाव से फंस गई है। पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता जयवर्धन सिंह द्वारा विधानसभा में पूछे गए सवाल का शिवराज सरकार के कृषि मंत्री कमल पटेल द्वारा लिखित में दिए गए जबाव में स्वीकार किया कि कमलनाथ सरकार ने दो चरणों में 26 लाख 95 हज़ार किसानों का कुल 11,600 करोड़ रुपए की कर्ज माफ़ी की थी।
कृषि मंत्री कमल पटेल द्वारा लिखित में दिए गए जबाव के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भारतीय जनता पार्टी के वे सभी आरोप धराशाही हो गए हैं, जिनमे वे कांग्रेस सरकार में किसानो की क़र्ज़ माफ़ी नहीं होने के दावे कर रहे थे।
वहीँ कमलनाथ सरकार में किसानो की कर्जमाफी पर शिवराज सरकार द्वारा लिखित में मुहर लगाए जाने के बाद कांग्रेस अब इस मुद्दे को जोरशोर से उठाने की तैयारी कर रही है।
मध्य प्रदेश में 28 सीटों के लिए उपचुनाव होने जा रहे हैं। ऐसे में कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में किसानो की कर्जमाफी का लिखित प्रमाण मिलने पर पार्टी इसे अपनी बड़ी जीत मान रही है।
गौरतलब है कि बीजेपी नेता तथा स्वयं शिवराज सिंह चौहान अपने सार्वजनिक कार्यक्रमों में लगातार कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में किसानो की कर्जमाफी को झूठा बता रहे थे। कई सभाओं में स्वयं सीएम शिवराज ने पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ पर किसानो को कर्जमाफी के नाम पर गुमराह करने के आरोप भी लगाए थे।
अब उपचुनाव करीब आते आते भारतीय जनता पार्टी के हाथ से एक बड़ा मुद्दा कांग्रेस के हाथ लग गया है। माना जा रहा है कि किसानो की कर्जमाफी का लिखित में मिला सबूत कांग्रेस को उपचुनाव में बड़ा फायदा देगा।