बिहार में बीजेपी-जेडीयू गठबंधन के खिलाफ उम्मीदवार उतारेगी शिवसेना

बिहार में बीजेपी-जेडीयू गठबंधन के खिलाफ उम्मीदवार उतारेगी शिवसेना

नई दिल्ली। बिहार में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में शिवसेना ने चुनिंदा सीटों पर बीजेपी-जेडीयू गठबंधन के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला लिया है। जिन सीटों पर शिवसेना ने अपने उम्मीदवार खड़े करने का फैसला लिया है उसमे बिहार के पूर्व डीजीपी और जेडीयू उम्मीदवार गुप्तेश्वर पांडे की सीट भी शामिल हैं।

शिवसेना सांसद संजय राउत ने बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव में शिवसेना 30-40 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेगी। राउत ने कहा कि सीटों की संख्या अधिक भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव के लिए वे स्वयं बिहार जायेंगे।

यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी पार्टी बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे के खिलाफ भी उम्मीदवार उतारेगी ? इस सवाल के जबाव में संजय राउत ने कहा कि आगे आगे देखिये क्या क्या होता है। उन्होंने कहा कि इस सवाल का जबाव वे जब बिहार में मौजूद होंगे उस समय देंगे।

गौरतलब है कि सुशांत सिंह राजपूत मामले में बिहार के तत्कालीन डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस की आलोचना की थी। उन्होंने मुंबई पुलिस की जांच पर भी सवालिया निशान खड़े किये थे। इसके बाद गुप्तेश्वर पांडे स्वेच्छिक रिटायरमेंट लेते हुए जनता दल यूनाइटेड में शामिल हो गए।

माना जा रहा है कि जनता दल यूनाइटेड गुप्तेश्वर पांडे को विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बना सकता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नजदीकियों के चलते उनकी दावेदारी को मजबूत बताया जा रहा है।

वहीँ सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में एम्स की रिपोर्ट आने के बाद महाराष्ट्र की शिवसेना और एनसीपी ने इस मामले में राजनीति करने वालो पर निशाना साधा है। गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि “जिन लोगों ने 3-4 महीनों में छत्रपति शिवाजी महाराज के महाराष्ट्र को बदनाम करने की साज़िश रची, उन्हें महाराष्ट्र की जनता से माफी मांगना चाहिए। अगर वे माफी नहीं मांगते है तो उन्हें महाराष्ट्र की जनता माफ नहीं करेंगी।”

अनिल देशमुख ने बिहार पुलिस के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे पर भी निशाना साधा। उन्होंने बिहार चुनाव के लिए भाजपा के प्रभारी देवेंद्र फडणवीस का नाम लेकर पूछा कि “क्या वह बिहार के पूर्व पुलिस प्रमुख और जदयू नेता गुप्तेश्वर पांडे के लिए भी प्रचार करेंगे, जिन्होंने इस मामले को लेकर महाराष्ट्र और मुंबई पुलिस को ‘बदनाम’ किया था।”

वहीँ शिवसेना ने एम्स की रिपोर्ट में सुशांत सिंह राजपूत की मौत को सुसाइड करार दिए जाने के बाद सोमवार सोमवार को कहा कि “मुंबई पुलिस को बदनाम करने वाले नेताओं और समाचार चैनलों को महाराष्ट्र से माफी मांगनी चाहिए।”

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TeamDigital