लोगों को उत्सव, मेले की भांग पिलाकर मूल समस्याओं से दूर रख रही मोदी सरकार: शिवसेना
नई दिल्ली। बीजेपी की पूर्व सहयोगी शिवसेना ने एक बार फिर मोदी सरकार और बीजेपी पर बड़ा हमला बोला है। शिवसेना ने आरोप लगाया है कि लोगों को उत्सव और मेले की भांग पिलाकर मूल समस्याओं से दूर रखने की नीति चलाई जा रही है।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में सवाल किया कि ‘कोरोना संकट ने 10 करोड़ बेरोजगार खड़े कर दिए हैं। 40 करोड़ परिवारों के चूल्हे बुझ गए हैं. मध्यमवर्गीय समाज के नौकरीपेशा लोगों की नौकरियां चली गईं। उनकी समस्या का समाधान क्या है? महज आशाओं और आश्वासनों पर लोग कब तक दिन गुजारेंगे?
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन को लेकर सामना में कहा गया है कि ‘राम मंदिर का भूमि पूजन होगा, भाजपा को राजस्थान चाहिए, ऐसा होगा। फ्रांस से राफेल विमान भी अंबाला में उतर गया लेकिन जिन्होंने इस दौर में नौकरी गंवाई है, उनका घर कैसे चल रहा है, क्या शासक कभी ये बताएंगे?’
सामना में मोदी सरकार और बीजेपी पर हमला बोलते हुए लिखा कि लाखों नहीं करोड़ों लोग आज बेरोजगार होकर घर बैठे हैं। आसमान में कई सुराख हो गए हैं। कई धंधे बंद हो गए हैं। दुकानों में ताले लग गए हैं। उद्योग दिवालिया हो गए हैं। शिक्षा बंद हो गई है। नौकरी में छंटाई चल रही है।
इतना ही नहीं सामना ने लिखा कि ‘हनुमान चालीसा पढ़ने से कोरोना जाएगा, यह सच होगा तो हनुमान चालीसा के पाठ से रोजगार गवां चुके 10 करोड़ लोगों को जीने भर का ही काम मिल जाएगा क्या?’
सामना में राफेल विमानों की खेप भारत आने पर जश्न को लेकर भी सवाल उठाये गए हैं। सामना में कहा गया कि पांच राफेल फाइटर जेट विमान अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर उतरे, यह अच्छा ही हुआ लेकिन इससे पहले भी सुखोई से लेकर मिग तक कई फाइटर जेट विमान विदेशों से हम यहां लाए ही थे। उनका ऐसा, इतना उत्सव कभी नहीं मनाया गया. सुखोई मिलने से भी दुश्मनों पर हवाई हमले करके विजय हासिल की ही है लेकिन लोगों को उत्सव, मेले की भांग पिलाकर मूल समस्याओं से दूर ले जाने की यह नीति चल रही है। बम और परमाणु शस्त्र वाहक राफेल विमान देश के सामने उपस्थित बेरोजगारी और आर्थिक चुनौतियों का विध्वंस करेगी क्या?’
सामना ने लिखा है, ‘महज आशाओं और आश्वासनों पर लोग कब तक दिन गुजारेंगे? विगत 15 वर्षों में लोगों की एक भी परेशानी दूर नहीं हुई है बल्कि अड़चन बढ़ती ही गई है।’