शिवसेना ने सामना में ओवैसी और बीजेपी के रिश्तो पर कहा ‘ओवैसी बीजेपी की गुप्त शाखा’
नई दिल्ली। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में इस बार आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी को अपने निशाने पर लिया है। सामना में ओवैसी को बीजेपी की गुप्त शाखा बताते हुए लिखा गया है कि ओवैसी बीजेपी के विजय रथ का मुख्य पहिया बने हुए हैं। हिंदुत्व विरोधी ओवैसी की शक्ति का उपयोग करते हैं। हिंदुत्व की जय जयकार बीजेपी कर रही है।
इतना ही नहीं सामना में बीजेपी सांसद साक्षी महाराज के उस बयान का हवाला भी दिया गया है जिसमे उन्होंने हाल ही में कहा था कि ओवैसी ने बिहार में बीजेपी को जिताने में मदद की थी और अब वे यूपी और बंगाल में भी बीजेपी को जितवाएँगे।
सामना ने ओवैसी को लेकर लिखा कि ऐसी कई गुप्त शाखाएं बीजेपी ने हर राज्य में पाल रखी हैं। महाराष्ट्र में होने वाले मनपा चुनाव में भी मत विभाजन करके मुंबई महानगरपालिका से भगवा झंडा हटाने का अहंकारी बयान इसी गुप्त शाखा से हाथ मिलाने का हिस्सा लग रहा है।
बिहार में ओवैसी ने मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्रों में पांच सीटें जीतीं और लगभग 17-18 सीटों पर तेजस्वी यादव को नुकसान हुआ, वरना बिहार में राजनीतिक परिवर्तन जरूर हुआ होता। मुसलमानों के वोट ‘सेक्युलर छाप’ NDA, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की झोली में न जा पाए, उन्हें एकतरफा वोट न मिले, इसके लिए मियां ओवैसी का बाकायदा उपयोग किया जाता है। मुस्लिम वोट काटकर बीजेपी को फायदा हो, इसके लिए ही मियां ओवैसी की हलचल बनी रहती है, ऐसा आरोप ये लोग लगा रहे थे. तब तक ठीक था, मगर बीजेपी के ही एक कुनबे से यह सब घोषित तौर पर कहा जाने लगा है।
सामना ने लिखा कि पश्चिम बंगाल में मियां ओवैसी ने जो काम शुरू किया है, उससे बीजेपी का चेहरा आनंद से खिल उठा है। ओवैसी की मदद से बीजेपी को बंगाल जीतना है। हिंदुत्व विरोधी शक्ति का इस्तेमाल करके ही हिंदुत्व की जय-जयकार करनी है।
इतना ही नहीं सामना में कहा गया है कि भारतीय जनता पार्टी ओवैसी जैसे लोगों की मदद लेकर फायदे की राजनीति करती है फिर ये लोग ‘हम राष्ट्रवादी और हिंदुत्ववादी हैं’ जैसी लफ्फाजी करते हुए घूमते हैं। मियां ओवैसी की पार्टी उनकी ही एक गुप्त शाखा है, उन्हें यह स्वीकार करना होगा। ऐसी कई गुप्त शाखाएं, उन्होंने हर राज्य में पाल-पोसकर रखी हुई हैं।