अब शरद पवार ने लिखी पीएम को चिट्ठी, राज्यपाल की भाषा पर जताया आश्चर्य

अब शरद पवार ने लिखी पीएम को चिट्ठी, राज्यपाल की भाषा पर जताया आश्चर्य

मुंबई। महाराष्ट्र में मंदिर खोले जाने की मांग कर रही बीजेपी के समर्थन में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे गए पत्र को लेकर अब इस विवाद में एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार की एंट्री हो गई है।

शरद पवार ने इस मामले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष उठाया है। एनसीपी सुप्रीमो ने पीएम मोदी को लिखे अपने पत्र में राज्यपाल कोश्यारी द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे गए पत्र का हवाला देते हुए राज्यपाल की भाषा पर आश्चर्य जताया हैं।

पीएम मोदी को लिखे पत्र में शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखे जाने की जानकारी मुझे मीडिया के माध्यम से मिली। अपने पत्र में पवार ने महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के हालात और राज्य सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की चर्चा करते हुए लिखा कि प्रदेश में कई धार्मिक स्थल हैं, जहां बड़ी संख्या में भीड़ एकत्रित होती है।

पवार ने मुंबई के सिद्धिविनायक, पंढ़रपुर के विट्ठल मंदिर, शिर्डी के साईं मंदिर का उदाहरण देते हुए लिखा कि यहां सामान्य दिनों में भारी भीड़ देखी जाती है। ये कुछ ऐसे स्थान हैं, जहां दो गज की दूरी का पालन कराना असंभव होगा।

पीएम मोदी को लिखे पत्र में शरद पवार ने राज्य पाल कोश्यारी के पत्र का ज़िक्र करते हुए राज्यपाल के पत्र की भाषा पर भी आश्चर्य जताया है। पवार ने अपने पत्र को ट्वीटर पर साझा करते हुए लिखा कि माननीय राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर जनता के लिए धार्मिक स्थल खोलने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की है।

क्या है मामला:

कोरोना संक्रमण के बीच महाराष्ट्र सरकार द्वारा धार्मिक स्थलों को बंद रखा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने राज्य के मंदिरो को खोले जाने की मांग की है और अपनी इस मांग को लेकर आज प्रदर्शन किया।

राज्यपाल के पत्र से राजनीति गर्म:

इस बीच राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखा गया। इस पत्र में राज्यपाल ने मंदिर खोले जाने की बीजेपी की मांग का समर्थन करते हुए लिखा कि एक जून से राज्य में धार्मिक स्थलों को खोलने का एलान किया गया था, लेकिन चार महीने बीत चुके हैं, इस दिशा में कोई भी कदम नहीं उठाया गया है।

पत्र में कहा गया है कि सरकार ने एक तरफ बार और रेस्तरां को खोल दिया है, लेकिन दूसरी तरफ मंदिर जैसे धार्मिक स्थानों को नहीं खोला गया है। आप हिंदुत्व के मजबूत पक्षधर रहे हैं। आपने भगवान राम के लिए सार्वजनिक रूप से अपनी भक्ति व्यक्त की।

उद्धव ने दिया राज्यपाल के पत्र का जबाव:

राज्यपाल कोश्यारी के पत्र का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लिखा कि जैसा कि अचानक से लॉकडाउन को लागू करना सही नहीं था, एक बार में इसे पूरी तरह से रद्द करना भी अच्छी बात नहीं होगी। और हां, मैं ऐसा व्यक्ति हूं जो हिंदुत्व का अनुसरण करता है, मेरे हिंदुत्व को आपसे सत्यापित कराने की आवश्यकता नहीं है।

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TeamDigital