शरद पवार बोले “अगर किसान शांति का मार्ग छोड़ दें तो देश के सामने बड़ा संकट आ सकता है”
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार ने किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। शरद पवार ने किसानो के शांतिपूर्ण आंदोलन की सराहना की और केंद्र सरकार को आगाह भी किया।
शरद पवार ने कहा कि आज शांति से किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। अगर इस रास्ते को छोड़कर किसान किसी दूसरे रास्ते पर चले गए तो देश के सामने बड़ा संकट आ सकता है। इसकी पूरी ज़िम्मेदारी भाजपा सरकार हो लेनी होगी। ऐसे कई मुद्दे हैं, आज जिनके हाथ में हुकूमत है वो संवेदनशील नहीं है।
गौरतलब है कि आज विपक्ष के 10 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल गाज़ीपुर बॉर्डर पर किसानो से मिलने पहुंचा था लेकिन पुलिस ने इन सांसदों को किसानो से नहीं मिलने दिया और उन्हें बिना मिले ही बैरंग वापस लौटा दिया।
इस प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल सहित कई दलों के सांसद शामिल थे। पुलिस ने सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को किसानो तक पहुँचने से पहले ही वापस भेज दिया। सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि वे पूरे मामले को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के समक्ष रखेंगे।
एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि 10 दलों के सांसदों ने आज गाजीपुर सीमा का दौरा किया। हमने वहां जो चीजें देखीं, वे चिंताजनक थीं। हम सिर्फ किसानों से मिलने के लिए वहां गए थे लेकिन हमें अनुमति नहीं दी गई। वहां का माहौल राष्ट्र के हित में नहीं है। यह देखने का हमारा प्रयास होगा कि इस मामले का कोई समाधान निकले।
सरकार के एक फोन की दूरी बहुत दूर हो गई है: भूपेश बघेल
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बार फिर किसान आंदोलन को लेकर मोदी सरकार पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि किसानों की मांग को मान लेना चाहिए। सरकार कहती है कि एक फोन कॉल की दूरी है, परन्तु एक फोन कॉल की दूरी अब नुकीली कील और तार से गुजरकर जाना होगा तो एक फोन कॉल बहुत दूर हो गया है