शाहीन बाग़: दूसरे दिन भी नहीं निकला कोई हल, लोगों ने कहा ‘पहले वापस हो सीएए’
नई दिल्ली। नागरिकता कानून के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग़ में पिछले 70 दिनों से सड़क पर चल रहे प्रदर्शन को लेकर सुप्रीमकोर्ट के आदेश पर वार्ता के लिए पहुंचे दो वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन गुरूवार को दूसरे दौर की बातचीत के लिए शाहीन बाग़ पहुंचे थे।
दोनों अधिवक्ताओं ने बुधवार को भी शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारियों से बातचीत की थी लेकिन बातचीत का कोई हल न निकलते देख गुरूवार को पुनः बातचीत का समय तय किया था।
वहीँ आज भी दोनों वार्ताकारो और प्रदर्शनकारियों के बीच बातचीत का कोई हल नहीं निकला है। वार्ताकारो से प्रदर्शनकारियों ने साफ़ तौर पर कहा कि नागरिकता कानून वापस होने से पहले प्रदर्शन वापस लेना या कहीं अन्य शिफ्ट करना संभव नहीं हैं।
गुरूवार को करीब डेढ़ घंटे की बातचीत के बाद भी वार्ताकार प्रदर्शनकारियों को मानने में विफल रहे। प्रदर्शनकारियों ने संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन की मौजूदगी में एलान किया कि वह रास्ता खाली नहीं करेंगे।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जिस दिन केंद्र सरकार नागरिकता कानून हटाने का एलान कर देगी, हम उस दिन रास्ता खाली कर देंगे। इसपर साधना रामचंद्रन ने जवाब दिया कि जब बातचीत नहीं हो पा रही है तो यहां आने का कोई मतलब नहीं। दिल्ली पुलिस ने आप पर कोई अत्याचार नहीं किया, इसलिए उनका आदर कर रास्ता खाली कर दें।
वहीँ संजय हेगड़े ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि आप अपनी जिद छोड़िये, सुप्रीम कोर्ट सड़क बंद के मामले पर सुनवाई कर रहा है। आप सीएए-एनआरसी पर अड़े हुए हैं। किसी को दुख पहुंचा कर अपने अधिकार नहीं मांगने चाहिए। ताली दोनों हाथों से बजती है एक हाथ से नहीं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट अगर हठ गया तो आपके साथ कोई नहीं रहेगा।
रास्ता खाली करने की अपील करते ही वार्ताकारों के खिलाफ प्रदर्शनकारी भड़के उठे। उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट सरकार के साथ मिला हुआ है। इसलिए उन्हें सुप्रीम कोर्ट पर भी भरोसा नहीं है।
साधना रामचंद्रन ने कहा कि शाहीन बाग में बातचीत के लिए शांति का माहौल नहीं है, इसलिए कल कहीं दूसरी जगह बातचीत पर विचार किया जाएगा। वार्ताकारों ने बातचीत के लिए प्रदर्शनकारियों की ओर से 20 लोगों की लिस्ट मांगी है, जिन्हे बातचीत में शामिल किया जाएगा।
आगे इस मामले में वार्ताकार क्या तय करेंगे, इसके बारे में उन्होंने कोई जानकारी मीडिया को नहीं दी। हालाँकि प्रदर्शनकारियों से मांगी गयी 20 लोगों की लिस्ट से स्पष्ट है कि अगली बातचीत में प्रदर्शनकारियों प्रतिनिधि के तौर पर 20 लोगों से बातचीत की जायेगी।
साधना रामचंद्रन ने इतना ही कहा कि ‘बातचीत चल रही है, पुलिस मदद कर रही है, वो भी समझने की कोशिश कर रही है कि इसमें कहां तक पुलिस का सहयोग हो सकता है। महिलाओं ने हमें आश्वासन दिया है कि कल आपको अनुशासन देखने को मिलेगा।’