50 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर रोक, शाहीन बाग़ की महिलाओं ने कहा ‘जारी रहेगा आंदोलन’
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार ने एक स्थान पर 50 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी है। सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सभी जिलों के अधिकारियों के साथ एक बैठक में यह फैसला लिया।
बैठक के बाद जब केजरीवाल से पूछा गया कि शाहीन बाग के प्रदर्शन का क्या होगा? इस पर उनका कहना था कि किसी भी तरह का धार्मिक, राजनीतिक या सामाजिक प्रदर्शन में भी 50 से ज़्यादा लोगों इकट्ठे नहीं होने चाहिए। हालांकि सीएम ने शादियों को इस नियम से छूट दी है लेकिन उन्होंने अपील जरूर की है कि हो सके तो शादियों की तारीख को आगे बढ़ा दें।
केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली में सभी नाइट क्लब, जिम, स्पा आदि 31 मार्च तक बंद रहेंगे। वहीँ इसके पलट शाहीन बाग़ में नागरिकता कानून के खिलाफ 90 दिनों से प्रदर्शन कर रही महिलाएं कोरोना वायरस से बेख़ौफ़ दिखीं।
शाहीन बाग़ की प्रदर्शनकारी महिलाओं ने लोकभारत से कहा कि ‘अल्लाह के कलाम में बहुत ताकत है, हमे कोरोना वायरस का कोई डर नहीं है, हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे।’
जब महिलाओं से कहा गया कि दिल्ली सरकार ने 50 से ज़्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी लगा दी है तो प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा कि ‘हम सड़क पर बैठे हैं, अगर कोई इस आंदोलन का हिस्सा बनना चाहता है और इसमें शामिल होने आता है तो उसे रोका नहीं जाएगा।’
प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा कि 15 दिसंबर 2019 से शाहीन बाग़ में नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ आंदोलन शुरू हुआ था और आज 90 दिनों आंदोलन चलने के दौरान कई बार परिस्थितियां ख़राब भी हुई हैं। 90 दिनों के दौरान प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा को लेकर मुश्किलें आयीं लेकिन इसके बावजूद हम पूरी हिम्मत से डंटे रहे और अब जब कि चारो तरफ कोरोना वायरस का शोर मच रहा है फिर भी हम उसी हिम्मत से सड़क पर डंटे हुए हैं। हम पीछे नहीं हटेंगे।
दिल्ली सरकार ने जारी किये दिशा निर्देश:
कोरोना के प्रकोप को ध्यान में रखते हुए अरविन्द केजरीवाल सरकार ने जिला प्रशासन को दिशा निर्देश जारी किये हैं। जिसमे अफवाह फैलाने वालो पर कार्रवाही करने और महत्वपूर्ण स्थलों पर पोर्टेबल हैण्ड वाश लगाया जाना शामिल है।
इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट या सोशल मीडिया के जरिए अफवाह या अप्रामाणिक सूचना फैलाना दंडनीय अपराध माना जाएगा।
यदि किसी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण हैं तो अधिकृत अधिकारी संबंधित व्यक्ति को आइसोलेट कर सकेंगे।
यदि कोई व्यक्ति जो कोविड-19 ग्रसित देशों की यात्रा करके आया है, उसे बीमारी के लक्षण न होने पर भी 14 दिनों तक घर में अकेले निगरानी में रखा जाएगा। उसे मुंह व नाक को मास्क से ढंकना होगा।
जिस व्यक्ति में रोग के लक्षण हैं, उसे अस्पताल में अलग रखते हुए परीक्षण किया जाएगा। सूचना मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय को देना जरूरी होगा।
सभी सरकारी व निजी चिकित्सालयों में संदिग्ध मामलों की स्क्रीनिंग के लिए फ्लू कॉर्नर या इंफ्लुएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई) कॉर्नर होगा।
सभी तरह की पद्धति के चिकित्सकों, चिकित्सालयों को कोविड-19 संक्रमित संदिग्ध की जानकारी जिला निगरानी इकाई को देनी होगी। संपर्क में आने वालों का रिकॉर्ड भी देना होगा।
जिला प्रशासन रोक का फैलाव रोकने के लिए किसी भी सरकारी या निजी भवन को आइसोलेशन के लिए ले सकेगा। सभी सरकारी कर्मचारी जिला प्रशासन के निर्देश पर कार्य कर करेंगे।