शाहीनबाग के प्रदर्शनकारियों को सता रहा ये डर, अधिक तादाद में लोगों से पहुँचने की अपील
नई दिल्ली। दिल्ली के कई इलाको में सांप्रदायिक हिंसा होने के बाद अब शाहीन बाग़ में पिछले दो महीने से अधिक समय से नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को अपनी सुरक्षा को लेकर डर सता रहा है।
ट्विटर पर शाहीन बाग़ ऑफिशियल नामक हैंडलर से अपील की गई है कि कम से कम अगले दो दिन तक शाहीन बाग़ प्रदर्शन में अधिक से अधिक लोग भाग लें। अपील में कहा गया है किहिन्दू सेना के हाल के बयानो को देखते हुए शाहीन बाग़ में अगले दो दिनों तक लोग अधिक से अधिक तादाद में मौजूद रहें। बता दें कि हिन्दू सेना ने अगले दो दिनों में शाहीन बाग़ पहुँचने की धमकी दी है।
वहीँ प्रदर्शनकारियों ने बातचीत में कहा कि जिस तरह दिल्ली पुलिस नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल लोगों को चिन्हित करने संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज कर रही है, उससे साफ़ है कि दिल्ली पुलिस सरकार के इशारे पर शांतिपूर्ण चल रहे प्रदर्शनों को तहस नहस करना चाहती है।
प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली में हिंसा के लिए सीधे तौर पर बीजेपी नेताओं के भड़काऊ बयानो को ज़िम्मेदार ठहराते हुए हिंसा को सुनियोजित करार दिया। प्रदर्शनकारियों में से कुछ लोगों ने कहा कि आखिर दिल्ली पुलिस की क्या मजबूरी है कि वह दंगा भड़काने वाले कपिल मिश्रा को गिरफ्तार नहीं कर रही है।
वहीँ दूसरी तरफ दिल्ली के खुरेजी इलाके में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहाँ को पुलिस गिरफ्तार कर 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
इशरत जहाँ ने दिल्ली के खुरेजी इलाके में हुए नागरिकता कानून विरोध प्रदर्शन में भाग लिया था। वे करीब 50 दिनों से दिल्ली के खुरेजी में CAA के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थीं। पिछले रविवार को खुरेजी एरिया में हुई सड़क जाम में भी इशरत जहाँ का नाम आया था।
कांग्रेस ने दिल्ली में हिंसा के बाद पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाया और कहा कि उच्चतम न्यायालय को इन मामलों का संज्ञान लेना चाहिए तथा एक न्यायमित्र की नियुक्ति करनी चाहिए।
पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने यह दावा भी किया कि हालात अभी सामान्य नहीं हुए हैं और लोगों में अब भी भय का माहौल है। उन्होंने कहा कि राजद्रोह के मामले का दुरुपयोग किया जा रहा है।
शर्मा ने दावा किया कि दिल्ली हिंसा में पहले कुछ दिनों तक जानबूझकर कार्रवाई नहीं हुई, इसकी जवाबदेही तय होनी चाहिए। अब जो कार्रवाई हो रही है वह एकतरफा है, जो लोग धरने पर थे उन पर संगीन धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं।