भारत के किसान आंदोलन पर सात अमेरिकी सांसदों ने अपने विदेश मंत्री को लिखा पत्र

भारत के किसान आंदोलन पर सात अमेरिकी सांसदों ने अपने विदेश मंत्री को लिखा पत्र

न्यूयॉर्क। कृषि कानूनों के खिलाफ देश में शुरू हुए किसान आंदोलन की आवाज़ अब अमेरिका तक पहुंच गई है। अमेरिका के सात वरिष्ठ सांसदों ने अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो को पत्र लिखकर कहा है कि किसानो की मांगो के समर्थन में भारत के विदेश मंत्री से बात की जानी चाहिए। पत्र लिखने वालो में भारतीय मूल की अमेरिकी सीनेटर प्रमिला जयपाल भी शामिल हैं।

सांसदों ने अपने पत्र में कहा है कि किसान आंदोलन विशेष तौर पर सिख अमेरिकी लोगों से जुड़ा हुआ है, जो पंजाब से संबंध रखते हैं तथा कई भारतीय-अमेरिकी लोगों पर इसका सीधा असर पड़ रहा है, क्योंकि उनके परिवार के सदस्य इससे जुड़े हुए हैं। इसलिए वो भारत में रहने वाले अपने परिवार की चिंता कर रहे हैं।

हालांकि पत्र में यह भी कहा गया है कि हम मौजूदा कानून के अनुपालन में राष्ट्रीय नीति निर्धारण के लिए भारत सरकार के अधिकार का सम्मान करते हैं लेकिन हम उन लोगों के अधिकारों को भी स्वीकार करते हैं, जो शांतिपूर्ण तरीके से भारत और विदेशों में इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।

भारत ने बताया आंतरिक मामला:

वहीँ इस मामले में भारत ने विदेशी नेताओं और राजनैतिकों के बयान का जवाब देते हुए इसे गलत सूचित (misinformed) और अनुचित बताया है। भारत की ओर से बयान दिया गया है कि ये एक लोकतांत्रिक देश का आंतरिक मामला है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने महीने की शुरुआत में कहा था कि भारत में किसान आंदोलन को लेकर हमें कुछ गलत कमेंट्स सुनने को मिल रहे हैं।

गौरतलब है कि कृषि कानूनों के विरोध में किसानो के धरने को आज 30 दिन पूरे हो रहे हैं। सरकार और किसान संगठनों के बीच अब तक की बातचीत बेनतीजा रही है। किसानो की मांग है कि सरकार कृषि कानूनों को वापस ले। इस बीच सरकार की तरफ से एक बार फिर किसानो को बातचीत के लिए चिट्ठी भेजी गई है। हालांकि सरकार की तरफ से इससे पहले बातचीत के लिए भेजे गए पत्र को किसान ख़ारिज कर चुके हैं।

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TeamDigital