एक घंटे में निवेशकों के 10 लाख करोड़ रुपये डूबे, और महंगा हुआ डॉलर

एक घंटे में निवेशकों के 10 लाख करोड़ रुपये डूबे, और महंगा हुआ डॉलर

नई दिल्ली। कोरोना फेक्टर की बड़ी मार भारतीय शेयर बाज़ार पर भी पड़ीं है। शेयर बाज़ार में गिरावट का दौर जारी है, वहीँ अमेरिकी डॉलर की कीमत भारतीय रुपये के मुकाबले 75.99 रुपये पहुँच गई है।

शेयर बाजार में सोमवार शुरुआती एक घंटे के कारोबार के दौरान निवेशकों की 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति डूब गई। इस दौरान बाजार में भारी बिकवाली देखने को मिली और प्रमुख सूचकांक 10 प्रतिशत से अधिक टूट गए।

लोअर सर्किट लगने के कारण ट्रेडिंग 45 मिनट के लिए रोकनी पड़ी। मार्च 2020 में दूसरी बार ट्रेडिंग रोकने की नौबत आई है। बाजार दोबारा खुले तो गिरावट और बढ़ गई। 1.15 बजे सेंसेक्स 11.71 फ़ीसदी यानी 3500 अंक लुढ़क कर 26398 और निफ़्टी 11.47 फ़ीसदी गिरकर 7742 पर आ चुके थे।

इस गिरावट के कारण बीएससी का मार्केट कैप करीब 12:50 लाख करोड़ रुपए घटकर 103.63 लाख करोड़ रुपए रह गया। डॉलर की तुलना में रुपया भी 95 पैसे गिर कर 76.15 रह गया है।

भारत के शेयर बाजार इस समय सभा सवा 3 साल के निचले स्तर पर पहुंच गए हैं। अभी बाजार जिस लेवल पर है वह इससे पहले नवंबर-दिसंबर 2016 में था। सोमवार को बीएसई में 1979 कंपनियों के शेयरों में ट्रेडिंग हुई जिनमें से 1703 में गिरावट दर्ज की गई। 949 शेयर 1 साल के निचले स्तर पर पहुंच गए और 412 ने लोअर सर्किट को छू लिया।

इससे पहले बाजार में ज्यादा उतार-चढ़ाव ना हो इसके लिए रेगुलेटर सेबी ने शुक्रवार को शॉर्ट सेलिंग पर अंकुश लगाने के कई उपायों की घोषणा की थी। कुछ ब्रोकरों ने ट्रेडिंग के घंटे कम करने का सुझाव दिया था हालांकि सेबी ने फिलहाल ऐसा करने से इनकार किया है।

जानकारों की माने तो देश के कई प्रदेशो में शुरू हुए टोटल लॉक डाउन के चलते शेयर बाजार में गिरावट का दौर जारी रह सकता है। वहीँ रुपये के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की कीमतें और भी बढ़ सकती हैं।

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TeamDigital