शाहीन बाग़ में बढ़ाई गई सुरक्षा, संदिग्ध लोगों के पहचान पत्र देखकर एंट्री पर विचार

शाहीन बाग़ में बढ़ाई गई सुरक्षा, संदिग्ध लोगों के पहचान पत्र देखकर एंट्री पर विचार

नई दिल्ली। नागरिकता कानून के खिलाफ पिछले 50 दिन से प्रदर्शन कर रहे शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारियों में अब सुरक्षा को लेकर संदेह पैदा हो गया है। पिछले एक सप्ताह में जामिया यूनिवर्सिटी पर दो बार फायरिंग की घटना और शाहीन बाग़ पर हुई फायरिंग की घटना को ध्यान में रखकर शाहीन बाग़ में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

शाहीन बाग़ में अब रेपिड एक्शन फ़ोर्स को तैनात किया गया है। इतना ही नहीं शाहीन बाग़ प्रदर्शन में शामिल वॉलंटियर्स को ज़िम्मेदारी दी गई है कि वे प्रदर्शन में शामिल होने आ रहे लोगों के पहचान पत्र देखकर ही उन्हें प्रवेश दें और थोड़ा भी संदेह होने पर पुलिस को जानकारी दें।

वहीँ इससे पहले कल शाहीन बाग़ प्रदर्शन को नेतृत्व दे रहे संगठनों ‘वूमन ऑफ शाहीन बाग़’, ‘फोरम ऑफ सिटिजंस फॉर इक़्वल राइट्स’, ‘सिटीजन फॉर जस्टिस एन्ड पीस’ तथा अन्य लोगों ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर, चुनाव आयोग, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और गृह मंत्रालय को पत्र लिख कर कहा है कि शाहीन बाग़ में चल रहे आंदोलन को मिल रही धमकियां वास्तविक हैं, शाहीन बाग़ प्रदर्शन को शक्तिशाली पदों पर बैंठे लोगों द्वारा खुलेआम धमकी दी गई है।

पत्र में कहा गया कि ऐसे हालातो में दिल्ली पुलिस कानूनन अपनी आंखों, कानों और लाठियों को उन लोगों को लिए प्रशिक्षित करने के बाध्य है, जो इस शांतिपूर्ण विरोध को हिंसक रूप देना चाहते हैं। हम शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित कार्रवाई का आग्रह करते हैं।

विशेष पुलिस उपायुक्त (कानून व्यवस्था) आरएस कृष्णिया ने सोमवार को शाहीन बाग पहुंचकर सुरक्षा का जायजा लिया। उनके साथ पुलिस उपायुक्त कुमार ज्ञानेश के साथ-साथ कई आलाधिकारी भी मौजूद थे। इस दौरान विशेष पुलिस उपायुक्त ने शाहीन बाग के बाहरी हिस्से में जाकर सुरक्षा का जायजा लिया। सुरक्षा में तैनात स्थानीय पुलिस के साथ-साथ केंद्रीय बल को कई दिशा-निर्देश दिए।

प्रदर्शनकारियों को सड़क से हटाने के लिए सुप्रीमकोर्ट में एक और याचिका:

शाहीन बाग़ प्रदर्शनकारियों को सड़क से हटाने और कालिंदी कुंज का रास्ता खाली कराने के लिए सुप्रीमकोर्ट में एक और याचिका दायर की गई है। डॉ. नंद किशोर गर्ग की ओर से दायर इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट से गुहार की गई है कि सार्वजनिक स्थलों पर धरना प्रदर्शन को प्रतिबंधित करने के लिए केंद्र सरकार को दिशानिर्देश बनाने का निर्देश दिया जाना चाहिए।

इतना ही नहीं याचिका में कहा गया कि शाहीन बाग में सड़क पर बैठे प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए केंद्र सरकार समेत संबंधित अथॉरिटी को निर्देश दिया जाए।

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TeamDigital