पड़ताल: ‘मूलभूत सुविधाओं’ के अभाव से जूझकर भविष्य की इबारत लिखने को मजबूर है मासूम

पड़ताल: ‘मूलभूत सुविधाओं’ के अभाव से जूझकर भविष्य की इबारत लिखने को मजबूर है मासूम

ब्यूरो (राम मिश्रा,अमेठी): एक तरफ जहां राज्य एवं केंद्र सरकार सरकारी स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई एवं विद्यालय की स्थिति में सुधार लाने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही हैं। साथ ही सरकारी विद्यालयों में बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के लिए लाखों-करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर अमेठी जिले के एक सरकारी स्कूल की दुर्दशा की ओर प्रशासन नजरें फेरे हुए हैं ।

कैसे होगी नैया पार, स्कूल में समस्याओं का अंबार ?

जिले के मुसाफिरखाना विकासखण्ड अंतर्गत पूरे टांडा मझगवां गाँव स्थित प्राइमरी स्कूल में लगभग 40 छात्र-छात्राएं हैं, और स्कूल स्टाफ में एक प्रधानाध्यापक,एक सहायक अध्यापिका और दो महिला रसोईयां हैं।

स्कूली बच्चों ने बताया कि हम लोग घर से पानी की बोतल लेकर आते हैं या फिर आस-पास में किसी के घर जाकर पानी पीते है। अगर क्लास के समय टॉयलेट जाना हो तो जिनके घर नजदीक में नहीं हैं, उन्हें यहां-वहां भटकना पड़ता है।

बच्चों ने कहा कि इस समस्या से निजात पाने के लिए कई बार बोला गया, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिलता हैं। स्कूल के विद्यार्थियों ने बताया कि वे लोग मिड-डे मील खाने के बाद हाथ धोने या पीने के लिए स्कूल में पानी परिसर में पानी ही नहीं है। रसोईयां चाची पड़ोस के नल से पानी लाकर पिलाती है ।

खाना है पर पानी नहीं-

गाँव के रहने वाले द्वारिका प्रसाद तिवारी ने बताया कि स्कूल का निर्माण सन 2009 में हुआ था। उस समय इस स्कूल में नल नहीं लगा था। स्कूली बच्चों की समस्याओं को देखते उन्होंने कई बार जनप्रतिनिधियों सहित उच्चाधिकारियों को लिखित अवगत कराया लेकिन आज भी समस्या जस की तस बनी है।

द्वारिका प्रसाद तिवारी ने बताया कि स्कूल के आसपास रहने वाले लोग पानी देते हैं,उसी से किसी तरह काम चलता है। इस कारण छात्राओं और शिक्षकों को टॉयलेट जाने में परेशानी होती है। उन्होंने बताया कि पड़ोस से पानी लेकर मिड-डे मील बनता है। इनका आरोप है कि कुछ लोगों ने स्कूल की जमीन पर भी अवैध कब्जा कर रखा है।

नहीं हो रही सुनवाई-

स्कूल की सहायक अध्यापिका ने बताया कि स्कूल परिसर में नल लगवाने को कई बार आवेदन दिया गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई ।

इनका कहना है-

वही इस मामले पर बेसिक शिक्षा अधिकारी अमेठी विनोद कुमार मिश्र ने स्कूली बच्चों को शीघ्र पेयजल व्यवस्था उपलब्ध कराने की बात कही है ।

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TeamDigital