दीदी के सामने खड़े होने को तैयार नहीं दादा, सौरव गांगुली ने बीजेपी को कहा “नहीं”
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी एक साफसुथरे और लोकप्रिय चेहरे को तलाश रही है। इन्ही कोशिशो के तहत पार्टी के शीर्ष नेताओं ने बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली को चुनाव में पार्टी का चेहरा बनने की पेशकश की लेकिन उन्होंने बीजेपी की कोशिशों को ख़ारिज कर दिया है।
द टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि “सौरव गांगुली ने पिछले महीने बीजेपी के सामने यह साफ कर दिया था कि वह एक्टिव पॉलिटिक्स में शामिल नहीं होना चाहते हैं। वह बीसीसीआई चीफ के तौर पर अपने रोल से ही खुश हैं। सूत्रों ने कहा कि गांगुली की ओर से इंकार किए जाने के बाद पार्टी ने उन पर मन बदलने के लिए कोई दबाव नहीं डाला है।”
रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी हमेशा चाहती थी कि सौरव गांगुली एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं, लेकिन वह कई दूसरी भूमिकाओं में व्यस्त रहे हैं… आज स्थिति अलग है, क्योंकि बंगाल में हम बड़ी राजनीतिक ताकत बन चुके हैं। हालांकि, सूत्र ने यह भी कहा कि सौरव गांगुली की ओर से कोई भी भूमिका पार्टी की मदद करेगी।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी भारतीय जनता पार्टी को राज्य में एक करिश्माई चेहरे की तलाश है। हालांकि सिंगर बाबुल सुप्रियो, अभिनेत्री रूप गांगुली सहित कई नामी चेहरे आज बीजेपी के साथ हैं लेकिन पार्टी को एक ऐसे चेहरे की तलाश है जो अत्यधिक लोकप्रिय हो और बेदाग हो।
सूत्रों की माने तो इसी कवायद के तहत पार्टी ने सौरव गांगुली को प्रस्ताव दिया था। सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह को बीसीसीआई का सचिव बनाये जाने के बाद से बीजेपी सौरव गांगुली से संपर्क बनाये हुई थी। माना जा रहा है कि जय शाह और सौरव गांगुली के बीच हुई मुलाकातों के बाद इस तरह का प्रस्ताव दिया गया होगा।
पिछले दिनों कई मीडिया रिपोर्ट्स में इस बार के संकेत दिए गए थे कि बीजेपी सौरव गांगुली के संपर्क में है और वह गांगुली को पार्टी का चेहरा बनाकर पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के समक्ष खड़ा करना चाहती है।
पश्चिम बंगाल में तमाम कोशिशें कर चुकी भारतीय जनता पार्टी अपने पैर जमाने में सफल नहीं हो सकी है। पश्चिम बंगाल की गरीब बस्तियों, देहात और दूरदराज के इलाको में ममता की आज भी तूती बोलती है। ऐसे में बीजेपी युवा मतदाताओं पर दांव लगाना चाहती है। इसीलिए उसने चुनाव में सौरव गांगुली को पार्टी का चेहरा बनाकर पेश करने की अपनी इच्छा जताई थी।