स्पीकर के नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट में पायलट की याचिका
जयपुर। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच पैदा हुए विवाद को खत्म कराने के लिए जहां कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल, वरिष्ठ नेता अहमद पटेल सक्रीय हैं वहीँ दूसरी तरफ विधानसभा स्पीकर की तरफ से भेजे गए नोटिस के खिलाफ सचिन पायलट ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
इस याचिका में नोटिस का जबाव देने के लिए दिए गए दो दिनों के समय को लेकर सवाल उठाये गए हैं। याचिका में कहा गया है कि विधानसभा स्पीकर ने नोटिस जारी करते समय नियमो की अनदेखी की है। विधायक दल की बैठक में शामिल न होने से विधायकों को अयोग्य घोषित नहीं किया जा सकता।
ये याचिका सचिन पायलट समेत 18 विधायकों ने डाली है। गौरतलब है कि विधायक दल की बैठक में भाग न लेने वाले विधायकों को स्पीकर ने नोटिस जारी कर 17 तारीख तक जवाब देने को कहा है।
वहीँ दूसरी तरफ प्रियंका गांधी ने केसी वेणुगोपाल, अहमद पटेल से सचिन पायलट से बात करने को कहा है और पार्टी में वापस आने को कहा है। पार्टी सूत्रों की माने तो सचिन पायलट से सभी बातें तय हो चुकी हैं और वे किसी भी समय कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलकर फिर से पार्टी में आस्था व्यक्त कर सकते हैं।
सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चाहते हैं कि सचिन पायलट के खिलाफ पार्टी हाईकमान निष्कासन की कार्रवाही कहे। वहीँ पार्टी के शीर्ष नेताओं का मानना है कि दो नेताओं की लड़ाई से पार्टी का नुकसान नहीं होना चाहिए।
सूत्रों ने कहा कि कल यह तय हो गया था कि सचिन पायलट को राजस्थान से बाहर रखकर पार्टी नई ज़िम्मेदारी देगी लेकिन इसकी भनक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लगी तो उन्होंने सचिन पायलट पर सीधा हमला बोल दिया और इस मामले को फिर से उलझा दिया। कहा जा रहा है कि अशोक गहलोत द्वारा सचिन पायलट पर किये गए निजी हमले से पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी खासे नाराज़ हैं।