अमेरिका ने रोकी WHO की फंडिंग तो रूस ने दिया ये बयान
नई दिल्ली। अमेरिका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की फंडिंग रोकने का एलान किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने WHO को चीन परस्त भी करार दिया है। अभी तक विश्व स्वास्थ्य संगठन को सबसे ज्यादा फंड अमेरिका देता रहा है।
WHO की फंडिंग रोकने का ऐलान करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को रोकने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कारगर कदम नहीं उठाया, इसलिए अमेरिका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के फंड को बंद करने का फैसला किया है।
अमेरिका राष्ट्रपति ट्रंप ने यह आरोप भी लगाया था कि जब चीन के वुहान शहर से कोरोना वायरस के फैलने की शुरुआत हुई, तब विश्व स्वास्थ्य संगठन इसको रोकने की बजाय असलियत छुपाता रहा। ट्रंप ने कहा था कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की जवाबदेही तय की जानी चाहिए।
वहीँ अमेरिका द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की फंडिंग रोके जाने को लेकर दुनिया के कई देशो ने अमेरिका की आलोचना की है। अमेरिका के इस कदम की चीन और रूस सहित दुनिया के कई देशों ने आलोचना की है।
रूस ने अमेरिका को स्वार्थी करार दिया है। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई रियानकोव ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की विश्व स्वास्थ्य संगठन की फंडिंग पर रोक वैश्विक महामारी को लेकर एक स्वार्थी प्रतिक्रिया को जाहिर करता है।
समाचार एजेंसी टीएएसएस के अनुसार विदेश मंत्री सर्गेई रियानकोव ने बुधवार को कहा, “हम वाशिंगटन की कल की घोषणा को डब्ल्यूएचओ की फंडिंग को रोकने के रूप में देखते हैं। यह अमेरिकी अधिकारियों के लिए बहुत ही स्वार्थी दृष्टिकोण का संकेत है।”
वहीँ अमेरिका द्वारा WHO की फंडिंग रोके जाने पर चीन ने अमेरिका की आलोचना करते हुए कहा कि दुनिया में कोरोना संक्रमण की स्थिति गंभीर है, ऐसे समय में जब वायरस तेजी से फैल रहा है, अमेरिका का यह कदम सहयोग को बाधित करेगा।