कृषि कानूनों के विरोध में अकालीदल के बाद अब आरएलपी ने तोड़ा एनडीए से नाता

कृषि कानूनों के विरोध में अकालीदल के बाद अब आरएलपी ने तोड़ा एनडीए से नाता

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में बीजेपी के सबसे पुराने सहयोगी रहे अकाली दल के बाद अब राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) ने भी एनडीए से नाता तोड़ने का एलान किया है।

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक हनुमान बेनीवाल ने आज एनडीए से रिश्ते खत्म करने का एलान करते हुए कहा, “केंद्र सरकार कृषि बिलों को वापिस न लेने पर अड़ी हुई है। ये तीनों बिल किसानों के खिलाफ हैं इसीलिए मैंने एनडीए छोड़ दी है।”

बैनीवाल ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी ने एनडीए से अभी तरह के रिश्ते खत्म कर दिए हैं लेकिन उनकी पार्टी कांग्रेस के साथ भी किसी प्रकार का गठबंधन नहीं करेगी।

एनडीए छोड़ने का एलान करने से पहले हनुमान बैनीवाल ने कहा कि, “हमारा विरोध यही है कि तीनों कृषि कानूनों को वापिस लिया जाए। मैंने लोकसभा की तीनों कमेटियों से इस्तीफा दे दिया है। आवश्यकता पड़ी तो एनडीए छोड़ने का ऐलान करूंगा, आवश्यकता पड़ी तो लोकसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दूंगा।”

अभी हाल ही में आरएलपी के संयोजक हनुमान बैनीवाल ने गृह मंत्री अमित शाह को संबोधित करते हुए एक ट्वीट में कहा था कि ‘अमित शाह जी, देश में चल रहे किसान आंदोलन की भावना को देखते हुए हाल ही में कृषि से संबंधित लाए गए तीन विधेयकों को तत्काल वापिस लिया जाए व स्वामीनाथन आयोग की संपूर्ण सिफारिशों को लागू करें व किसानों को दिल्ली में त्वरित वार्ता के लिए उनकी मंशा के अनुरूप उचित स्थान दिया जाए!’

गौरतलब है कि कृषि कानूनों के मुद्दे पर बीजेपी के सबसे पुराने सहयोगी अकाली दल भी एनडीए से अलग हो चुका है। अकाली दल ने कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसानो के आंदोलन का समर्थन करते हुए पिछले दिनों एनडीए से नाता तोड़ लिया था। इतना ही नहीं मोदी सरकार में अकाली दल कोटे से केबिनेट मंत्री हरसिमरत कौर ने भी केबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।

बता दें कि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) ने 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन किया था। आरएलपी के संयोजक हनुमान बैनीवाल नागौर से सांसद हैं। राजस्थान में आरएलपी के 03 विधायक भी हैं।

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TeamDigital