राम मंदिर: बीजेपी नेताओं की ज़मीनबाज़ी की पोल खुलने पर प्रदेश सरकार ने दिए जांच के आदेश

राम मंदिर: बीजेपी नेताओं की ज़मीनबाज़ी की पोल खुलने पर प्रदेश सरकार ने दिए जांच के आदेश

लखनऊ। राम मंदिर को लेकर सुप्रीमकोर्ट के फैसले के बाद मंदिर निर्माण स्थल के पास कथित तौर पर खरीदी गई ज़मीन के सौदों में कई राज्य मंत्रियों, अधिकारियों के रिश्तेदारों के नाम सामने आने के बाद यूपी सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं। विशेष सचिव राजस्व मामले की जांच कर एक सप्ताह में सरकार को रिपोर्ट पेश करेंगे।

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जैसे-जैसे मंदिर का निर्माण हो रहा है, उतनी तेजी से ही प्लॉट खरीदे जा रहे हैं।जिन्होंने जमीन खरीदी है, उनमें विधायक, मेयर, राज्य ओबीसी कमिशन के सदस्य, डिविजनल कमिश्नर, सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट, पुलिस के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल और राज्य सूचना आयुक्त के रिश्तेदार शामिल है।

ये जमीन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर स्थल के 5 किलोमीटर के दायरे में ली गई हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि बीजेपी नेताओं ने किस तरह रातों रात मंदिर निर्माण स्थल के आसपास की ज़मीने खरीदीं। ज़मींन के इस गोरख धधे में अधिकारी भी पीछे नहीं रहे।

1. अयोध्या में डिविजनल कमिश्नर (नवंबर 2019 से) एम पी अग्रवाल के ससुर केशव प्रसाद अग्रवाल ने बरहटा मांझा में 10 दिसंबर, 2020 को 31 लाख रुपये में एमआरवीटी (महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट) से 2530 वर्ग मीटर जमीन खरीदी है। उनके बहनोई आनंद वर्धन ने भी उसी गांव में उसी दिन 15.50 लाख रुपये में एमआरवीटी से 1260 वर्ग मीटर जमीन खरीदी।

2. पुरुषोत्तम दास गुप्ता 20 जुलाई 2018 से 10 सितंबर 2021 के बीच अयोध्या में मुख्य राजस्व अधिकारी थे। अब वह गोरखपुर में अपर जिलाधिकारी हैं। उनके बहनोई अतुल गुप्ता की पत्नी तृप्ति गुप्ता ने अमर जीत यादव के साथ पार्टनरशिप में 12 अक्टूबर, 2021 को बरहटा मांझा में 1130 वर्ग मीटर जमीन खरीदी। ये जमीन एमवीआरटी से 21.88 लाख रुपये में ली गई है।

3. अयोध्य जिले में गोसाइगंज के विधायक इंद्र प्रताप तिवारी ने 18 नवंबर, 2019 में बरहटा मांझा में एमआरवीटी से 30 लाख रुपये में 2593 वर्ग मीटर जमीन खरीदी। 16 मार्च, 2021 को उनके बहनोई राजेश कुमार मिश्रा ने राघवाचार्य के साथ मिलकर बरहटा मांझा में सूरज दास से 47.40 लाख रुपये में 6320 वर्ग मीटर जमीन खरीदी है।

4. 26 जुलाई, 2020 और 30 मार्च, 2021 के बीच पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG) के पद पर रहे दीपक कुमार, अब अलीगढ़ में डीआईजी हैं। उनकी पत्नी की बहन महिमा ठाकुर ने 1 सितंबर, 2021 को एमवीआरटी से 19.75 लाख रुपये में 1020 वर्ग मीटर जमीन खरीदी. ये भी बरहटा मांझा में खरीदी गई है।

5. लखनऊ में रहने वाले यूपी काडर के सेवानिवृत आईएएस अधिकारी उमाधर द्विवेदी ने 23 अक्टूबर 2021 में बरहटा मांझा में एमआरवीटी से 39.40 लाख रुपये में 1680 वर्ग मीटर जमीन ली है।

6. अयोध्या विधानसभा से विधायक वेद प्रकाश गुप्ता के भतीजे तरुण मित्तल ने बरहटा मांझा में 21 नवंबर, 2019 को रेनू सिंह और सीमा सोनी से 1.15 करोड़ रुपये में 5174 वर्ग मीटर जमीन खरीदी. उन्होंने 29 दिसंबर, 2020 में मंदिर स्थल से करीब 5 किमी दूर 4 करोड़ रुपये में सरयू नदी के पार जगदंबा सिंह और जादूनंदन सिंह से 14,860 वर्ग मीटर जमीन खरीदी है।

7. अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय ने 18 सिंतबर, 2019 को 30 लाख रुपये में हरीश कुमार से 1480 वर्ग मीटर जमीन ली. यानी सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से दो महीने पहले. 9 जुलाई, 2018 को, परमहंस शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालय के प्रबंधक के रूप में उन्होंने रमेश से “दान” के रूप में अयोध्या के काजीपुर चितवन में 2,530 वर्ग मीटर जमीन ली थी. सरकारी रिकॉर्ड में जमीन की कीमत 1.01 करोड़ रुपये है।

8. अयोध्या में एसडीएम के पद पर रहे आयुष चौधरी की चचेरी बहन शोभिता रानी ने 28 मई, 2020 को बिरौली में आशाराम से 17.66 लाख रुपये में 5350 वर्ग मीटर जमीन खरीदी है। 28 नवंबर, 2019 को शोभिता रानी द्वारा संचालित आरव दिशा कमला फाउंडेशन ने दिनेश कुमार से 7.24 लाख रुपये में अयोध्या के मलिकपुर में 1,130 वर्ग मीटर जमीन खरीदी।

9. प्रांतीय पुलिस सेवा अधिकारी, सर्कल ऑफिसर अरविंद चौरसिया, जो अब मेरठ में हैं, उनके ससुर संतोष कुमार चौरसिया ने 21 जून, 2021 में अयोध्या के रामपुर हलवारा उपारहार गांव में भूपेश कुमार से 4 लाख रुपये में 126.48 वर्ग मीटर जमीन खरीदी. फिर 21 सितंबर, 2021 को उनकी सास रंजना चौरसिया ने करखाना में भागीरथी से 20 लाख रुपये में 279.73 वर्ग मीटर जमीन खरीदी।

10. राज्य सूचना कमिश्नर हर्षवर्धन शाही की पत्नी संगीता शाही और उनके बेटे सहर्श कुमार शाही ने 18 नवंबर, 2021 में सराईरासी मांझा में इंद्र प्रकाश सिंह से 15.82 लाख रुपये में 929.85 वर्ग मीटर जमीन खरीदी।

11. राज्य ओबीसी कमिशन के सदस्य बलराम मौर्या ने 28 फरवरी, 2020 को गोंडा के महेशपुर में जगदंबा और त्रिवेनी सिंह से 50 लाख रुपये में 9375 वर्ग मीटर जमीन खरीदी है।

12. गांजा गांव के लेखापाल बद्री उपाध्याय (जिनका हाल ही में ट्रांसफर हुआ) के पिता वशिष्ट नारायण उपाध्याय ने 8 मार्च, 2021 को श्याम सुंदर से 3.50 लाख रुपये में 116 वर्ग मीटर जमीन खरीदी है।

13. गांजा गांव के कानूनगो सुधांशू रंजन की पत्नी अदिति श्रीवास्तव ने 8 मार्च, 2021 में 7.50 लाख रुपये में 270 वर्ग मीटर जमीन खरीदी।

14. दिनेश ओझा भान सिंह के पेशकार हैं. जो एक असिस्टेंट रिकॉर्ड ऑफिर हैं और एमआरवीटी के खिलाफ मामलों की सुनवाई कर रहे हैं। दिनेश ओझा की बेटी श्वेता ओझा ने 15 मार्च, 2021 में तिहुरा मांझा में महराजदीन से 5 लाख रुपये में 2542 वर्ग मीटर जमीन खरीदी है. यह गांव भी भान सिंह के दायरे में आता है।

इस मामले का खुलासा होने के बाद न सिर्फ बीजेपी की किरकिरी हो रही है बल्कि इससे राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार की छवि को भी धक्का लगा है। राम मंदिर निर्माण की आड़ में ज़मीनो के कथित कारोबार की पोल खुलने पर आज कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बीजेपी पर हमला बोला था।

भूमि के गोरख धंधे के खुलासे के बाद हरकत में आई योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

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