नागरिकता संशोधन विधेयक राज्य सभा में पास
नई दिल्ली: राज्य सभा में आठ घंटे की बहस के बाद आख़िरकार सरकार नागरिकता संशोधन विधेयक पास कराने में सफल होगई है। इस विधेयक के पास होने के साथ ही पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसे देशों के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
इस विधेयक में दूसरे देशों में रहने वाले हिंदू, जैन, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध समेत छह धर्मों के नागरिकों को शामिल किया गया है। विधेयक के पक्ष में 117 और विपक्ष में 92 वोट पड़े।
इससे पहले नागरिकता संशोधन विधेयक सेलेक्ट कमेटी नहीं भेजा जायेगा। इस बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने का प्रस्ताव राज्यसभा में खारिज हो गया है।
नागरिकता संशोधन विधेयक को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने के प्रस्ताव खिलाफ 124 वोट पड़े जबकि इसके पक्ष में 99 वोट पड़े। शिवसेना ने इस मतदान से वाक आउट किया। विधेयक में संशोधन के लिए कुल 14 प्रस्ताव दिए गए।
राज्यसभा में टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन के प्रस्ताव पर मत विभाजन किया गया। उनकी मांग पर हुई वोटिंग में उनका संशोधन प्रस्ताव गिर गया है। उनके प्रस्ताव के खिलाफ 116 वोट पड़े जबकि उनके पक्ष में 96 वोट पड़े।
नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि दूसरे देशों के मुस्लिमों को भारत में नागरिकता के लिए आवेदन करने का अधिकार है।
उन्होंने कहा कि प्रस्तावित विधेयक कानून बनने के बाद पश्चिम बंगाल सहित पूरे देश में लागू होगा। उन्होंने यह भी कहा कि बिल पारित होने के बाद किसी को भी डिटेंशन कैंप में नहीं रहना होगा।
अमित शाह ने कहा कि भारत कभी मुस्लिम मुक्त नहीं होगा। कोई भी बिल एंटी मुस्लिम नहीं है। हम असम समझौते का पालन करेंगे। असम में क्लॉज 6 के लिए कमेटी बनाई है। असम की संस्कृति की रक्षा करेंगे।
इससे पहले चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि भारत का भरोसा टू नेशन थ्योरी में नहीं है। सरकार आज दो नेशन थ्योरी सही करने जा रही है। कांग्रेस एक नेशन में भरोसा करती है।
सिब्बल ने कहा कि आप संविधान की बुनियाद को बदलने जा रहे हैं। आप हमारा इतिहास बदलने जा रहे हैं। यह काली रात कभी खत्म नहीं होगी। आप कहते हैं सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास लेकिन आपने सबका विश्वास खो दिया है।
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि ये डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान के खिलाफ है। ये महात्मा गांधी के सपनों के खिलाफ है। हम इस बिल का विरोध करते हैं।
पीडीपी के सांसद मीर मोहम्मद फैयाज ने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से अब कोई मुसलमान इस देश में नहीं आएगा। जिन लोगों को बिल के तहत नागरिकता दी जा रही है, हम उसका विरोध नहीं कर रहे हैं लेकिन मुसलमानों को बाहर निकालने का विरोध करते हैं। हमारे पुरखों ने पाकिस्तान के साथ ना जाकर हिंदुस्तान के साथ आने का निर्णय लिया था लेकिन मुझे लगता है कि हमारे पुरखों ने गलती की थी।