रिजॉर्ट में नहीं मिले बागी विधायक, एसओजी की टीम लौटी खाली हाथ

रिजॉर्ट में नहीं मिले बागी विधायक, एसओजी की टीम लौटी खाली हाथ

नई दिल्ली। राजस्थान में विधायकों की खरीद फरोख्त मामले में आवाज के सैंपल लेने कल शाम मानेसर पहुंची राजस्थान एसओजी की टीम खाली हाथ वापस लौट गई है। मानेसर के जिस रिसॉर्ट में विधायकों के रुके होने की बात कही गई थी वहां एसओजी की टीम के अंदर पहुंचने से पहले ही विधायक वहां से जा चुके थे।

इससे पहले कल शाम मानेसर पहुंची एसओजी की टीम को हरियाणा पुलिस ने रिजॉर्ट में नहीं घुसने दिया। एसओजी की टीम को काफी देर तक रिजॉर्ट के बाहर ही इंतजार करना बड़ा, बाद में हरियाणा पुलिस ने एसओजी टीम को रिजॉर्ट में प्रवेश की अनुमति दी लेकिन रिजॉर्ट में कोई विधायक मौजूद नहीं था।

कांग्रेस का आरोप है कि एसओजी टीम को हरियाणा पुलिस ने बाहर रोक कर, विधायकों को रिजॉर्ट के पिछले दरवाजे से बाहर निकाल दिया था और विधायकों को दूसरे स्थान पर छिपा दिया गया।

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने आज प्रेस कांफ्रेंस में दावा किया कि हरियाणा के मानेसर के एक रिजोर्ट में रुके कांग्रेस के विधायकों को अब बीजेपी शासित राज्य कर्नाटक में शिफ्ट किये जाने की ख़बरें मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि यदि विधायकों की खरीद फरोख्त में बीजेपी की कोई भूमिका नहीं है तो वह कांग्रेस विधायकों को संरक्षण क्यों दे रही है।

वहीँ कांग्रेस महासिचव अविनाश पांडेय ने ट्वीट किया, ‘अगर भाजपा दावा करती है कि कांग्रेस के आंतरिक झगड़े में वह शामिल नहीं है तो भाजपा नीत हरियाणा सरकार होटल के अंदर विधायकों को सहयोग और सुरक्षा क्यों दे रही है?’

वहीँ जानकारी के मुताबिक राजस्थान की एसओजी टीम विधायकों से पूछताछ करने और उनकी आवाज़ के सैंपल लेने के लिए विधायकों की तलाश में दो रिजॉर्ट में गई लेकिन उसे कांग्रेस के 18 बागी विधायकों के बारे में कोई जानकारी हासिल नहीं हुई। अब विधायकों की आवाज के सैंपल के लिए राजस्थान के एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने कोर्ट का रुख किया है।

वहीँ राजस्थान में कांग्रेस के नव नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि अगर भाजपा कांग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्त में शामिल नहीं है तो हरियाणा रिजॉर्ट में भाजपा की सरकार के द्वारा हरियाणा पुलिस लगाकर SOG को क्यों रोका गया?

उन्होंने कहा कि राजस्थान की SOG पुलिस को हरियाणा की भाजपा सरकार की पुलिस के द्वारा रोका गया और जब तक रोके रखा जब तक वहां पर ठहरे हुए विधायकों को वहां से चोर रास्ते से दूसरी जगह शिफ्ट नहीं कर दिया गया। ये संविधान और कानून के खिलाफ है।

अपनी राय कमेंट बॉक्स में दें

TeamDigital