नागरिकता कानून के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट जायेगी राजस्थान की गहलोत सरकार

नागरिकता कानून के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट जायेगी राजस्थान की गहलोत सरकार

जयपुर। नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार कानूनी लड़ाई लड़ने की तैयारी कर रही है। इस कानून के खिलाफ राजस्थान विधानसभा में प्रस्ताव पहले ही पास किया जा चूका है और अब राजस्थान सरकार सीएए के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में है।

नागरिकता कानून के खिलाफ गहलोत सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष सिंघवी को सुप्रीम कोर्ट में वाद दायर करने के निर्देश दिए हैं।

गौरतलब है कि नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ केरल और पंजाब की सरकार ने पहले ही सुप्रीमकोर्ट में पिटीशन दायर किया हुआ है। अब इसी तर्ज पर राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार भी सुप्रीमकोर्ट का रुख करेगी।

नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ देश के कई शहरो में विरोध प्रदर्शन अभी भी जारी हैं। दिल्ली के शाहीन बाग़ और जामिया यूनिवर्सिटी में नागरिकता कानून के खिलाफ 15 दिसंबर 2019 से लगातार प्रदर्शन चल रहा है।

सीएए का विरोध सिर्फ उत्तर भारत में ही नहीं बल्कि दक्षिण भारत के कई शहरो में भी हो रहा है। चेन्नई, कोयंबटूर, बेंगलुरु, हैदराबाद सहित दक्षिण भारत के कई शहरो में भी लोग नागरिकता कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

शाहीन बाग़ की महिलाओं को नहीं है कोरोना वायरस का खौफ:

देशभर में कोरोना वायरस को लेकर जारी किये गए अलर्ट के बावजूद शाहीन बाग़ की महिलाओं के हौसलों में किसी तरह की कमी दिखाई नहीं दे रही और प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा है कि उन्हें कोरोना वायरस का खौफ नहीं है वे नागरिकता कानून वापस होने तक अपनी लड़ाई जारी रखेंगी।

शुक्रवार शाम को प्रदर्शनकारियों द्वारा आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा कि हमे कोरोना वायरस का खौफ न दिखाया जाए, हम सीएए वापस होने तक यहीं डंटे रहेंगे और आंदोलन जारी रहेगा।

इतना ही नहीं प्रदर्शनकारी महिलाओं ने गृहमंत्री अमित शाह से जामिया हिंसा मामले में सीसीटीवी फुटेज की जांच के मांग की है। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा कि दिल्ली में हिंसा भड़काने के आरोप में कपिल मिश्रा और अनुराग ठाकुर के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज कर आगे की कार्रवाही की जानी चाहिए।

नागरिकता कानून को लेकर गृहमंत्री अमित शाह द्वारा दिए गए बयान को लेकर प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अमित शाह यह झूठ बोलते हैं कि इस कानून के तहत किसी की नागरिकता नहीं ली जाएगी जबकि यह कानून मुसलमानों की नागरिकता छीनने के लिए बनाया गया है।

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TeamDigital