अमेठी में राहुल-प्रियंका का हल्ला बोल, क्या हैं मायने?
अमेठी। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की मौजूदगी ने एक बार फिर अमेठी को कोंग्रेसमय कर दिया। लोकसभा चुनाव में अपनी पराजय के करीब 29 महीने बाद अमेठी पहुंचे पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी और केंद्र सरकार पर कड़े प्रहार किये।
यहां राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को सुनने के लिए उमड़ी भीड़ साफ़ बता रही थी कि अमेठी में अभी भी कांग्रेस का दमखम कम नहीं हुआ है। राहुल गांधी ने अपने संबोधन मबजप के हिंदुत्व को हिंदुत्ववादी बताकर सवाल खड़े किये, वहीँ प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की प्रतिज्ञाओं का उल्लेख किया।
राहुल गांधी ने अपने संबोधन में बीजेपी नेताओं और पीएम नरेंद्र मोदी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भेल, रायफल फैक्ट्री , IIIT, रेलवे स्टेशन सब कांग्रेस की देन है लेकिन यहां भी पीएम मोदी ने झूठ बोला। राहुल गांधी ने कहा कि पूरे देश मे सबसे ज्यादा नेशनल हाइवे अमेठी से निकलते हैं।
उन्होंने अमेठी से अपने पारिवारिक रिश्ते का ज़िक्र करते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी का अमेठी की जनता के साथ सिर्फ राजनीतिक रिश्ता है, उनका पारिवारिक रिश्ता किसी के भी साथ नहीं है।
राहुल गांधी ने कहा कि अमेठी की हर गली आज भी वैसी ही है- सिर्फ जनता की आंखों में अब सरकार के लिए आक्रोश है। दिलों में आज भी पहले सी जगह है- आज भी एक हैं हम, अन्याय के खिलाफ।
राहुल ने पीएम के गंगा स्नान पर तंज कसते हुए कहा कि हिंदू भावना प्यार से आती है। जिसके दिल में डर है वो हिंदू नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि हिंदू सबसे गले लगता है. हिन्दुत्ववादी गंगा में अकेला स्नान करता है लेकिन हिंदू करोड़ों लोगों के साथ स्नान करता है।
राहुल गांधी ने हिंदुत्व के मुद्दे पर बीजेपी को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि गांधीजी ने कहा था कि हिंदू का रास्ता सत्याग्रह है, जबकि हिंदुत्ववादी का रास्त सत्ताग्रह हैं। अन्याय के खिलाफ लड़ने वाला हिंदू है और हिंसा फैलाने वाला हिन्दुत्ववादी है।
अमेठी में राहुल गांधी ने कहा कि गोडसे कायर और हिंदुत्ववादी था। उसने सच बोलने वाले हिंदू की छाती में तीन गोली मारी। जब गोडसे को फांसी हुई तो वह बच्चे की तरह रो रहा था लेकिन गांधी जी कभी नहीं रोए। उन्होंने कहा कि सच्चा हिंदू होने की वजह से वह कभी डरे भी नहीं।
क्या हैं मायने:
अमेठी में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के हल्ला बोल के कई मायने हैं। गांधी परिवार के सदस्यों की अमेठी में मौजूदगी को सिर्फ विधानसभा चुनाव से जोड़कर नहीं देखा जा रहा बल्कि इसे 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी के तौर पर भी लिया जा रहा है।
जानकारों की माने तो अमेठी में एक बार फिर कांग्रेस की पताका फहराने के लिए लिए राहुल और प्रियंका ने एक साथ चढ़ाई की है। अगर मामले सिर्फ उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव का रहा होता तो यूपी के अन्य जिलों की प्रतिज्ञा यात्राओं और सभाओं की तरह सिर्फ प्रियंका गांधी भी अमेठी जा सकती थीं।
जानकारों के मुताबिक, कांग्रेस का गढ़ रहे रायबरेली और अमेठी में अन्यदलों की सेंधमारी के खिलाफ कांग्रेस पूरा होमवर्क कर चुकी है और अब उस होमवर्क को धरातल पर उतारने की तैयारी है। सूत्रों की माने तो अमेठी में बीजेपी सांसद स्मृति ईरानी की तुलना में आज भी प्रियंका गांधी कहीं ज़्यादा लोकप्रिय हैं। ऐसे में माना जा सकता है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रियंका गांधी अमेठी पर दांव लगा सकती हैं।
हालांकि ख़बरें ऐसी भी हैं कि जल्द ही कुमार विश्वास भी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं और 2024 के लोकसभा चुनाव में कुमार विश्वास को स्मृति ईरानी के खिलाफ चुनाव लड़ाये जाने की बात तय हो चुकी है। सूत्रों से मिली इन अपुष्ट खबरों का आधिकारिक तौर पर अभी कोई खुलासा नहीं हुआ है। इसलिए फ़िलहाल यह माना जा सकता है कि अमेठी को लेकर कांग्रेस गंभीर है और उसने अपनी ज़मींन को मजबूत करना शुरू कर दिया है।