प्रवासी मजदूरों से सड़क पर मिले राहुल गांधी, प्रियंका ने यूपी में एक हज़ार बसों की अनुमति मांगी

प्रवासी मजदूरों से सड़क पर मिले राहुल गांधी, प्रियंका ने यूपी में एक हज़ार बसों की अनुमति मांगी

नई दिल्ली। देश में कोरोना के बढ़ते प्रभाव के बीच प्रवासी मजदूरों का पैदल अपने घरो की तरफ जाना जारी है। इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली के सुखदेव विहार फ्लाईओवर के पास प्रवासी मजदूरों से बातचीत कर उनका दुःख बांटा।

राहुल गांधी ने प्रवासी मजदूरों से खुलकर बात की, उनके दुःख को करीब से समझने की कोशिश की। उन्होंने प्रवासी मजदूरों की समस्याओं को भी सुना। प्रवासी मजदूरों से राहुल गांधी की मुलाकात के बाद कांग्रेस ने दावा किया कि पुलिस ने मजदूरों को यह कहते हुए हिरासत में लिया कि उनके पास “ऐसा करने के लिए ऊपर से आदेश आया” है।

इतना ही नहीं पार्टी की तरफ से भारतीय युवा कांग्रेस और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी से दिल्ली में फंसे प्रवासी मजदूरों की सुरक्षित घर वापसी की व्यवस्था करने को कहा गया है।

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि हमने पुलिस से बात की और वे सहमत हो गए कि वे दो लोगों को साथ जाने की इजाजत देंगे। हमारे कार्यकर्ता मजदूरों को घर ले जा रहे हैं। हम दो लोगों को साथ ले जा रहे हैं।

गौरतलब है कि अभी हाल ही में राहुल गांधी ने अपने ट्वीट के साथ वीडियो शेयर करते हुए लिखा था कि अंधकार घना है कठिन घड़ी है, हिम्मत रखिए- हम इन सभी की सुरक्षा में खड़े हैं। सरकार तक इनकी चीखें पहुंचा के रहेंगे, इनके हक की हर मदद दिला के रहेंगे। देश की साधारण जनता नहीं, ये तो देश के स्वाभिमान का ध्वज हैं… इसे कभी भी झुकने नहीं देंगे।

प्रियंका ने यूपी सरकार से मांगी मजदूरों के लिए एक हजार बसें चलाने की अनुमति :

वहीँ दूसरी तरफ कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को पत्र लिखकर प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए एक हज़ार बसें चलाये जाने की अनुमति मांगी है। इन बसों के संचालन पर आने वाला खर्च कांग्रेस पार्टी उठाएगी।

प्रियंका ने लिखा कि लाखों की संख्या में उत्तर प्रदेश के मजदूर देश के कोने-कोने से पलायन कर वापस लौट रहे हैं। लगातार सरकार द्वारा की गई घोषणाओं के बावजूद पैदल आ रहे इन मजदूरों को सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचाने की कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है।

प्रदेश में अब तक करीब 65 मजदूरों की अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में मौत हो चुकी है जोकि सूबे में कोरोना महामारी से मरने वालों की संख्या से भी अधिक है।

प्रियंका ने लिखा ‘पलायन करते हुए बेसहारा प्रवासी श्रमिकों के प्रति कांग्रेस पार्टी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए 500 बसें गाजीपुर बॉर्डर और 500 बसें नोएडा बॉर्डर से चलाना चाहती है। इसका पूरा खर्चा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस वहन करेगी। महामारी से बचने के सब नियमों का पालन करते हुए प्रवासी श्रमिकों को मदद करने के लिए हम एक हजार बसों को चालने की अनुमति चाहते हैं।’

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TeamDigital