सेंट्रल विस्टा पर राहुल का वार, “देश को पीएम आवास नहीं सांस चाहिए”
नई दिल्ली। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘देश को पीएम आवास नहीं सांस चाहिए।’
गौरतलब है कि कोरोना महामारी के बीच जहां दिल्ली सहित कई राज्यों में लॉकडाउन लागू किया गया है वहीँ इस बीच भी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के निर्माण का काम जारी है।
करीब 30 हज़ार करोड़ रूपये की लागत से बन रहे सेंट्रल विस्टा को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। इस प्रोजेक्ट का काम रुकवाने की मांग करते हुए सुप्रीमकोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी। जिसे कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट को भेजा है और इस पर जल्द सुनवाई की सिफारिश की है।
कोरोना महामारी के बीच जब देश में ऑक्सीजन और दवाओं की किल्ल्त के चलते दूसरे देशो से मदद लेनी पड़ रही है। ऐसे हालातो में करोडो रुपये की लागत वाले सेंट्रल विस्टा का काम जारी रहने को लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है।
विपक्ष का कहना है कि करोडो रुपये सेंट्रल विस्टा पर खर्च किये जाने की जगह यह पैसा स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाये जाने पर खर्च किया जाना चाहिए। खुद कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बार बार यह मुद्दा उठा रहे हैं लेकिन इन सब बातो से बेफिक्र दिख रही मोदी सरकार सेंट्रल विस्टा के निर्माण की जिद्द पर अड़ी है। विपक्ष का कहना है कि नए संसद भवन की देश को कोई आवश्यकता नहीं है, सेंटर विस्टा पर खर्च किये जाने वाला पैसा सिर्फ बर्वादी के अलावा कुछ नहीं है।
क्या है सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट:
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में पुराने गोलाकार संसद भवन के सामने करीब 13 एकड़ जमीन पर नया तिकोना संसद भवन बनेगा। इस जमीन पर अभी पार्क, अस्थायी निर्माण और पार्किंग हैं। ये सब हटेगा। नए संसद भवन में लोकसभा और राज्यसभा के लिए एक-एक इमारत होगी, लेकिन सेंट्रल हॉल नहीं होगा।
राजपथ पर करीब 2.5 किमी लंबे रास्ते को सेंट्रल विस्टा कहा जाता है। वहीं इंडिया गेट से लेकर राष्ट्रपति भवन तक सेंट्रल विस्टा मार्ग में करीब 44 इमारत आती हैं। संसद भवन, नॉर्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक आदि शामिल हैं। इस पूरे जोन को रि-प्लान किया जा रहा है, जिसका नाम सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट रखा गया है, इसकी लागत करीब 30 हजार करोड़ रुपए है।