गुवाहाटी में राहुल: हमारी संस्कृति पर हमले कर रही बीजेपी, असम को नागपुर वाले नहीं चलाएंगे
गुवाहाटी। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने यहाँ आयोजित एक सभा में बीजेपी और आरएसएस पर कड़ा हमला बोला। राहुल गांधी ने कहा कि नफरत और गुस्से से असम आगे नहीं बढ़ेगा। खुशी हो या दुख, मैं आपके साथ खड़ा हूं।
उन्होंने कहा कि बीजेपी हमारी संस्कृति और इतिहास पर हमला कर रही है। आज भारत में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है। पीएम मोदी का काम नफरत फैलाने वाला और देश को बांटने वाला है।
राहुल गांधी ने बीजेपी, आरएसएस और पीएम मोदी पर सीधे हमले बोले। राहुल गांधी ने कहा कि ‘असम को नागपुर नहीं चलाएगा, असम को RSS की चड्डी वाले नहीं चलाएंगे बल्कि असम को असम की जनता चलाएगी।’
राहुल गांधी ने कहा, ‘चुनावों से पहले मैंने भविष्यवाणी की थी कि अगर बीजेपी सत्ता में आई तो असम में एक बार फिर हिंसा होगी, दुख की बात है कि यह सच हो गया।’
उन्होंने कहा, ‘असम में 15 साल पहले आया था, तब मुझे राज्य की संस्कृति के बारे में इतनी जानकारी नहीं थी, लेकिन आप सभी से मिलने के बाद ही मुझे असम के महान इतिहास और विरासत के बारे में पता चला।
राहुल गांधी ने कहा, ‘मैं यह नहीं कहूंगा कि मुझे आपके राज्य के बारे में सबकुछ पता है, लेकिन मैं कम से कम आपकी जड़ों को जानता हूं। मैंने असम में भाईचारा और सबको साथ लेकर चलना सीखा है।’
उन्होंने कहा कि ‘आज मैंने आपकी धरती के बेटों के प्रति सम्मान व्यक्त किया। मुझे डर है कि एक बार फिर असम बीजेपी की हिंसा के चक्र में फंस सकता है। आपकी ताकत आपका भाईचारा है। कभी यह मत सोचिए कि असम नफरत से आगे बढ़ सकता है।’
उन्होंने कहा कि ‘मोदी ने भारत माता की शक्ति को नोटबंदी और जीएसटी के कारण बर्बाद कर दिया, लेकिन वह इस पर नहीं बोलेंगे। उनका एकमात्र काम लोगों को विभाजित करना और नफरत फैलाना है। पीएम मोदी को जवाब देना चाहिए कि असम में कितने लोगों को रोजगार मिला?’
राहुल गांधी ने कांग्रेस शासनकाल में हुए असम समझौते का हवाला देते हुए कहा, ‘सभी को एक साथ आना होगा और बीजेपी को बताना पड़ेगा कि वे असम की संस्कृति और इतिहास पर हमला नहीं कर सकते। असम समझौता असम में शांति की नींव थी। उस समझौते की भावना को तोड़ा नहीं जा सकता. असम समझौते को हम सभी ने मिलकर औपचारिक रूप दिया था। जहां भी बीजेपी जाती है, वे नफरत फैलाती है। बीजेपी युवाओं की बात नहीं सुनना चाहती। वे आपकी आवाज को दबाना चाहते हैं।’