बिहार में बीजेपी-जेडीयू के वोट बैंक में सेंधमारी करने जा रही पुष्पम प्रिया चौधरी

बिहार में बीजेपी-जेडीयू के वोट बैंक में सेंधमारी करने जा रही पुष्पम प्रिया चौधरी

पटना ब्यूरो। बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राजनीति में आयीं पुष्पम प्रिया चौधरी की प्लुरल पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों के नाम का एलान कर दिया है। स्वयं पुष्पम प्रिया चौधरी बिहार की दो सीटों बांकीपुर और बिस्फी से चुनाव लड़ेंगी।

प्लुरल पार्टी ने 40 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। अब यहाँ सवाल यह उठता है कि पहली बार चुनाव लड़ रही पुष्पम प्रिया चौधरी की प्लुरल पार्टी आखिर किसके वोट काटेगी?

इंस्टिट्यूट ऑफ डेवेलपमेंट स्टडीज़, यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स, से डेवेलपमेंट स्टडीज़ में और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पोलिटिकल साइंस से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स की डिग्री हासिल करने वाली पुष्पम प्रिया चौधरी आम आदमी पार्टी की तर्ज पर राजनीति में उतरी हैं। वे अन्य राजनैतिक दलों से अलग तरह के बदलाव और विकास की बातें करती हैं।

चुनाव विश्लेषकों की माने तो पुष्पम प्रिया की प्लुरल पार्टी कितने वोट लाएगी, इस उसके उम्मीदवारों की लोकप्रियता और दमखम पर ही निर्भर करेगा। बिहार के गाँव देहात में प्लुरल पार्टी का अभी संगठन नहीं है और न ही इतनी जल्दी गाँव तक पहुंचा जा सकता है। इसलिए माना जा रहा है कि इस चुनाव में प्लुरल पार्टी के निशाने पर सोशल मीडिया से जुड़े युवा मतदाता और शहरी इलाको में रहने वाले मतदाता होंगे।

विश्लेषकों के मुताबिक यदि प्लुरल पार्टी जनता के बीच लोकप्रिय उम्मीदवारो को चुनावी मैदान में उतारने में सक्षम रहती है तो निश्चित रूप से पार्टी कुछ वोट समेट सकती है और इसका सीधा सीधा असर बीजेपी के उस मतदाता पर होगा जो शहर में रहंता है और जो सोशल मीडिया की हवा देखकर वोट करता है।

जानकारों की माने तो शहरी इलाको में पुष्पम प्रिया चौधरी कुछ सीटों पर बीजेपी-जेडीयू गठबंधन के वोट बैंक में सेंधमारी अवश्य करेंगी। हालांकि अभी यह नहीं कहा जा सकता कि यह सेंधमारी कितनी बड़ी होगी और इससे बीजेपी-जेडीयू को कितना नुकसान होगा लेकिन फिलहाल यह तय है कि बीजेपी-जेडीयू को थोड़ा बहुत डेंट अवश्य लगेगा।

फिलहाल देखना है कि मतदान की तारीख आते आते प्लुरल पार्टी ज़मीन पर अपना कितना असर दिखाती है। जानकारी के मुताबिक प्लुरल पार्टी का ज़मींन पर जितना असर बढ़ेगा उतना ही बीजेपी-जेडीयू का नफा नुक्सान बढ़ेगा।

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