सीएए के खिलाफ पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पास, सुप्रीमकोर्ट भी जायेगी पंजाब सरकार
नई दिल्ली। नागरिकता कानून के खिलाफ आज पंजाब विधानसभा में सरकार की तरफ से पेश प्रस्ताव पास हो गया। वहीँ अब नागरिकता कानून के खिलाफ पंजाब सरकार सुप्रीमकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएगी।
नागरिकता कानून के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव करने वाला पंजाब दूसरा राज्य है। इस पहले केरल सरकार ने विधानसभा में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजा था।
नागरिकता कानून के खिलाफ पंजाब विधानसभा में सरकार की तरफ से पेश किये गए प्रस्ताव का जहाँ आम आदमी पार्टी ने समर्थन किया वहीँ शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी ने विरोध किया।
प्रस्ताव पास होने के बाद मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार अगर चाहती है कि सीएए को पंजाब और अन्य राज्यों में लागू किया जाए तो उसे अवाश्यक संशोधन करने होंगे। वहीं केरल की तरह उनकी भी सरकार इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी।
उन्होंने कहा कि हमने केंद्र सरकार को नागरिकता कानून में आवश्यक संशोधनों के ड्राफ्ट की कॉपी भेजी है। सरकार को चाहिए कि इस कानून में ज़रूरी संशोधन करे, जिससे इसे सभी स्वीकार करें।
उन्होंने कहा कि जनगणना का काम शुरू होगा लेकिन यह पुराने तरीके से ही किया जाएगा। राज्य के हर नागरिक को जनगणना में शामिल किया जाएगा चाहे वह हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई या किसी भी अन्य धर्म का हो।
पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार द्वारा नागरिकता कानून के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पास किये जाने के बाद अब माना जा रहा है कि कांग्रेस शासित अन्य राज्य भी विधानसभा में प्रस्ताव पास करके केंद्र सरकार को नागरिकता कानून में संशोधन करने का प्रस्ताव भेजेंगे।
हालाँकि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान के मुख्यमंत्री पहले ही साफ़ कर चुके हैं कि वे अपने राज्यों में नागरिकता कानून लागू नहीं करेंगे। नागरिकता कानून के खिलाफ सबसे पहले केरल सरकार ने विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजा था।