CAA: शाहीन बाग़ में प्रदर्शन जारी, लखनऊ में प्रदर्शन के समर्थन में आये सिख, ईसाई धर्म गुरु
नई दिल्ली। नागरिकता कानून केखिलाफ दायर 143 याचिकाओं पर आज सुप्रीमकोर्ट द्वारा केंद्र सरकार को नोटिस जारी किये जाने और सुनवाई को चार सप्ताह तक टाले जाने के बाद भी देशभर में विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है।
दिल्ली के शाहीन बाग़ में जहाँ सुप्रीमकोर्ट की आज की कार्रवाही के बाद भी प्रदर्शनकारी महिलाओं के मनोबल में कोई कमी नहीं आई है। बुधवार को भी प्रदर्शनकारी महिलाएं शाहीन बाग़ में डंटी हुई हैं। इससे पहले आज सुप्रीमकोर्ट में याचिकाओं पर सुनवाई के मद्देनज़र कुछ महिलाएं सुप्रीमकोर्ट के बाद देर रात धरना देने पहुंची थीं, जिन्हे बाद में पुलिस ने हटा दिया।
वहीँ दूसरी तरफ लखनऊ के घंटाघर इलाके में चल रहे नागरिकता कानून विरोध प्रदर्शन में कई महिलाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बावजूद महिलाएं धरने पर बैठी हैं। घंटाघर इलाके में चल रहे प्रदर्शन में बुधवार को मुस्लिम, सिख और ईसाई धर्म गुरु भी शामिल हुए।
धर्म गुरुओं ने नागरिकता कानून के खिलाफ शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रही महिलाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज किये जाने पर विरोध जताया। बाद में धर्म गुरुओं की तरफ से एक संयुक्त बयान भी जारी किया गया।
ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, गुरुद्वारा कमेटी प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बग्गा और लखनऊ के बिशप जीराल्ड मेथाइज ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर कहा कि दिल्ली के शाहीनबाग की तर्ज पर सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में ऐतिहासिक घंटाघर पर महिलाएं शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रही हैं। इसमें महिलाओं पर केस दर्ज करने की हम कठोर शब्दों में निंदा करते हैं।
धर्मगुरुओं ने कहा है कि प्रदर्शन में घरेलू महिलाएं अपने बच्चों के साथ शामिल हैं। वहां पर लाइट बंद करना, शौचालयों में ताला डलवाना अपने आप में बुनियादी मानवाधिकारों के खिलाफ है।
वहीँ इन सब से अलग पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नागरिकता कानून, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में दार्जलिंग में पैदल मार्च निकाला। इस मार्च में हज़ारो लोगों ने हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मजीरा बजाते हुए सड़क पर मार्च का नेतृत्व किया।
ममता बनर्जी ने कहा कि नागरिकता कानून धर्म के आधार पर लागू किये जाने का विरोध जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि वे किसी भी हाल में पश्चिम बंगाल में एनआरसी लागू नहीं होने देंगी।