नागरिकता कानून पर सरकार के घुटने टेकने तक जारी रखे जायें धरने: दारुल उलूम
नई दिल्ली। एनआरसी को लेकर गृह राज्यमंत्री द्वारा संसद में दिए गए लिखित जबाव पर दारुल उलूम संतुष्ट नही है। हालाँकि दारुल उलूम मानता है कि नागरिकता कानून के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों से एनआरसी पर सरकार के तेवर नरम पड़े हैं।
दारुल उलूम के वाइस चांसलर अबुल कासिम नोमानी ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ चल रहे धरने और विरोध-प्रदर्शन जारी रहने चाहिए।
कासिम नोमानी ने कहा कि ये देशव्यापी आंदोलन का ही असर है, जो सरकार एक इंच भी नहीं हटने की बात कहती थी, वो अब एनआरसी पर नरम नजर आ रही है।
कासिम नोमानी ने उस वायरल वीडियो पर भी सफाई दी जिसके आधार पर दावा किया जा रहा है कि दारुल-उलूम देवबंद की तरफ से सीएए के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन को खत्म करने की अपील की है।
नोमानी ने कहा, ‘सोशल मीडिया पर जो मेरा वीडियो वायरल हो रहा है वो जिला प्रशासन के साथ मीटिंग का है, जिसमें देवबंद शहर में शांति को लेकर बातचीत हुई। जबकि कहा ये जा रहा है कि दारुल-उलूम ने धरना खत्म करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि ये बात पूरी तरह से आधारहीन है और दुष्प्रचार है. दारुल-उलूम ने ऐसी कोई अपील जारी नहीं की है।’
गौरतलब है कि नागरिकता कानून के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शनो का दौर जारी है। सीएए के खिलाफ देश का सबसे बड़ा धरना दिल्ली के शाहीन बाग़ में चल रहा है। पिछले 56 दिनों से चल रहे शाहीन बाग़ धरने में सभी धर्मो के लोग शामिल हैं। इस धरने को पंजाब की किसान यूनियन ने भी समर्थन दिया है, साथ ही कई सामाजिक संगठन भी इस धरने के समर्थन का एलान कर चुके हैं।
वहीँ नागरिकता कानून के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग़ के अलावा उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, कानपुर, लखनऊ, मुंबई के मुंबई बाग़ और पश्चिम बंगाल में कई जगह अनिश्चितकालीन धरने चल रहे हैं।