चेन्नई का शाहीन बाग़ बना वाशरमेंपेट में कोरोना के कारण रोका गया प्रदर्शन

चेन्नई। नागरिकता कानून, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग़ की तर्ज पर चेन्नई के वाशरमेंपेट में पिछले काफी दिनों से चल रहे विरोध प्रदर्शन को कोरोना के प्रकोप के चलते फिलहाल रोक दिया गया है।
वाशरमेंपेट में चल रहे प्रदर्शन में बड़ी तादाद में महिलाएं भाग ले रही थीं। कोरोना वायरस के खतरे को लेकर मुस्लिम नेताओं की अपील पर बुधवार को प्रदर्शन रोक दिया गया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि हम फिलहाल अपना प्रदर्शन रोक कर रहे हैं, लेकिन ये अस्थाई तौर पर रोका जा रहा है।
इससे पहले कोरोना के बढ़ते प्रकोप को लेकर मंगलवार देर रात वाशरमेंपेट में प्रदर्शन पर बैठे लोगों की एक बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में तय हुआ कि कोरोना की वजह से फिलहाल कुछ दिनों के लिए प्रदर्शन स्थगित किया जाए। इतना ही नहीं बैठक में तय हुआ कि कोरोना वायरस खत्म होने के बाद प्रदर्शन फिर से शुरू होगा।
वहीँ दूसरी तरफ दिल्ली के शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारियों अपना आंदोलन जारी रखने का फैसला किया है। कल दिल्ली पुलिस के अधिकारीयों ने शाहीन बाग़ पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को कोरोना को ध्यान में रखकर एहतियातन आंदोलन बंद करने के लिए मनाने की कोशिश की थी लेकिन प्रदर्शनकारी इसके लिए तैयार नहीं हुए।
शाहीन बाग़ में प्रदर्शनकारियों ने कोरोना वायरस को ध्यान में रखकर अब सड़क पर बैठने की जगह लकड़ी की चौकियों की व्यवस्था की है। अब प्रदर्शनकारी लोग ज़मींन पर न बैठकर चौकियों पर बैठेंगे।
कोरोना वायरस को लेकर आ रही खबरों के बावजूद शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारी पूरी तरह बेफिक्र दिखाई दे रहे हैं और यहाँ आम दिनों की तरह ही प्रदर्शनकारी आ रहे हैं।
कोरोना को लेकर प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना है कि वे किसी भी कुर्बानी के लिए तैयार हैं। वे कोरोना वायरस के डर से अपना आंदोलन कमज़ोर नहीं होने देंगी और काला कानून वापस होने तक आंदोलन जारी रहेगा।