कुछ ऐसे हो रहा प्रदर्शन: हिन्दू महिलाओं ने की पूजा, तो दुआ के लिए उठे मुस्लिम महिलाओं के हाथ
लखनऊ। यहाँ नागरिकता कानून के विरोध में घंटाघर इलाके में पिछले पांच दिन से चल रहे विरोध प्रदर्शन में महिलाओं की तादाद लगातार बढ़ रही है और यह विरोध प्रदर्शन दूसरा शाहीन बाग़ बन गया है।
पुलिस द्वारा महिलाओं के कंबल छींनने, खाने पीने का सामान जब्त करने, टॉयलेट में ताला डालने के अलावा महिलाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज किये जाने के बावजूद प्रदर्शनकारी महिलाओं के मनोबल में कोई फर्क नहीं आया है और वे आंदोलन के पांचवे दिन भी उसी हिम्मत और जोश के साथ शांतिपूर्व प्रदर्शन कर रही हैं।
आंदोलन के पांचवे दिन यहाँ महिलाओं ने ईश्वर से भी गुहार लगाई। जहाँ हिन्दू महिलाओं ने पूजा अर्चना की और ईश्वर की प्रार्थना में हाथ जोड़े, वहीँ मुस्लिम महिलाओं ने हाथ उठाकर दुआ मांगी।
प्रदर्शन में शामिल होने आयी पूजा का कहना है कि हम नागरिकता कानून का विरोध इसलिए कर रहे हैं क्यों कि यह धर्म के आधार पर बांटने वाला है। हम दशकों से मिलकर रहते आये हैं तो फिर नागरिकता कानून में धर्मो को आधार क्यों बनाया गया है।
इससे पहले आज लखनऊ के घटनाघर पर चल रहे नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन को मुस्लिम, सिख और ईसाई धर्म गुरुओं ने अपना समर्थन व्यक्त किया।
प्रदर्शनकारी महिलाओं के समर्थन में जारी एक बयान में धर्म गुरुओं ने कहा कि ‘प्रदर्शन करने का अधिकार हमें संविधान ने दिया है, महिलाओं के खिलाफ मुकदमे दर्ज करना बुनियादी तौर पर असंवैधानिक व गैरकानूनी है। धर्मगुरुओं ने कहा है कि प्रदर्शन में घरेलू महिलाएं अपने बच्चों के साथ शामिल हैं। वहां पर लाइट बंद करना, शौचालयों में ताला डलवाना अपने आप में बुनियादी मानवाधिकारों के खिलाफ है।’
वहीँ रेशमा ने कहा कि ये सरकार देश को मुस्लिम-हिन्दू की नज़र से देखती है, इस देश पर सभी का हक है, फिर वो किसी भी जाति या धर्म का क्यों न हो। उन्होंने कहा कि हमे इस देश की न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है, हम इस लड़ाई को अंत तक लड़ेंगे।
रायबरेली में भी धरने पर बैठी महिलाएं:
दिल्ली के शाहीन बाग और लखनऊ के घंटाघर की तर्ज पर अब रायबरेली में भी सीएए के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गया है। रायबरेली कोतवाली के तिलिया कोट पर बुधवार को सीएए और एनआरसी वापस लेने की मांग को लेकर यहाँ महिलाओं ने अपना धरना शुरू किया है।