सीएए के खिलाफ प्रदर्शन जारी, शाहीन बाग़ में पुलिस की अपील, लखनऊ में पुलिस वापस लौटी

सीएए के खिलाफ प्रदर्शन जारी, शाहीन बाग़ में पुलिस की अपील, लखनऊ में पुलिस वापस लौटी

नई दिल्ली। नागरिकता कानून के खिलाफ देश के कई शहरो में अनिश्चितकालीन धरने प्रदर्शन जारी हैं। दिल्ली के शाहीन बाग़ में 35वे दिन भी महिलाओं का धरना जारी है।

मुंबई में नागरिकता कानून के विरोध में बड़ी तादाद में मुस्लिम महिलाओं ने प्रदर्शन किया। इसमें एनसीपी नेता सुप्रिया सुले भी शामिल हुईं। मुंबई के कुछ अन्य इलाको में भी कल रात नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन होने की खबर है।

वहीँ लखनऊ के घंटाघर इलाके में कल रात धरना दे रहीं महिलाओं को उठाने गई पुलिस को वापस लौटना पड़ा। महिलाओं का आरोप है कि इतनी कड़ाके की सर्दी में पुलिस ने हमे सिर छिपाने के लिए तंबू नहीं लगाने दिया। इतना ही नहीं पुलिस ने हमे हटाने के लिए स्ट्रीट लाइट भी बंद करवा दी, जिसके चलते हमे अँधेरे में मोबाईल फोन की टोर्च जलाकर रातभर बैठना पड़ा।

लखनऊ के घंटाघर पर नागरिकता कानून के खिलाफ धरने पर बैठी महिलाएं

लखनऊ के घंटाघर इलाके में नागरिकता कानून के विरोध में महिलाओं के जमा होने की खबरों के बाद पुलिस आयुक्त सुजीत पांडे अपने मातहत अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे और महिलाओं को समझाने का प्रयास किया लेकिन महिलाओं ने मांग पूरी न होने तक अपना प्रदर्शन समाप्त करने से मना कर दिया।

वहीँ दिल्ली के शाहीन बाग़ में नागरिकता कानून के खिलाफ 35वे दिन भी महिलाओं का धरना जारी रहा। इससे पहले कल पुलिस ने छात्रों,मरीजों और सीनियर सिटिजंस को हो रही परेशानी का हवाला देते हुए शाहीन बाग़ मार्ग खाली करने की अपील की थी।

मुंबई में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन में एनसीपी नेता सुप्रिया सुले शामिल हुईं

दिल्ली पुलिस ने ट्वीट कर कहा, ‘हम प्रदर्शनकारियों से फिर से अपील करते हैं कि वो शाहीन बाग की रोड नंबर 13 के बंद होने से दिल्ली-एनसीआर के निवासियों, वरिष्ठ नागरिकों, मरीजों और स्कूल जाने वाले बच्चों को होने वाली दिक्कतों को समझें। यह मामला दिल्ली हाई कोर्ट के सामने भी आ चुका है। हम फिर से प्रदर्शनकारियों से सहयोग करने और जनहित में सड़क को खाली करने की गुजारिश करते हैं।’

शाहीन बाग़ रोड को खाली कराने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट ने पहले ही पुलिस को निर्देश दे दिए हैं। अब 35 छात्रों ने हाईकोर्ट में शाहीन बाग प्रदर्शन के खिलाफ याचिका डाली है। याचिका में कहा गया है कि प्रदर्शन के चलते बोर्ड परीक्षा की तैयारियों में काफी परेशानी आ रही है।

नागरिकता कानून के खिलाफ देश में बढ़ते उबाल के बीच बिहार के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन और सभाओं का सिलसिला जारी है। गुरूवार को बिहार के कटिहार, अररिया और किशनगंज में नागरिकता कानून के खिलाफ हुई सभाओं में जुटी भीड़ से इस बात के संकेत मिले हैं कि यह सिलसिला जल्द थमने वाला नहीं है।

मुंबई के खरगोन इलाके में सीएए के खिलाफ सड़क पर बड़ी तादाद में उतरी महिलाएं

सुप्रीमकोर्ट में अब तक 60 से अधिक याचिकाएं :

जहाँ एक तरफ नागरिकता कानून (सीएए) केखिलाफ सड़को पर प्रदर्शन और धरने हो रहे हैं वहीँ दूसरी तरफ इसके खिलाफ बड़ी कानूनी लड़ाई की तैयारी भी चल रही है। नागरिकता कानून के खिलाफ अब तक सुप्रीमकोर्ट में 60 से अधिक याचिकाएं पहुँच चुकी हैं, इन याचिकाओं पर 22 जनवरी को सुनवाई होनी है।

केरल के बाद पंजाब में विधानसभा में पास किया प्रस्ताव:

नागरिकता कानून के खिलाफ केरल के बाद पंजाब सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया था। मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने कहा कि नागरिकता कानून में ज़रूरी संशोधनों के लिए विधानसभा में पास हुए प्रस्ताव का ड्राफ्ट केंद्र सरकार को भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार इस मामले में सुप्रीमकोर्ट में याचिका भी दायर करेगी।

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