दिल्ली में हलचल शुरू, सोनिया से मिलने पहुंची प्रियंका

नई दिल्ली। राजस्थान में आज कांग्रेस के एक्शन के बाद अब दिल्ली में हलचल शुरू हो गई है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने उनके आवास दस जनपथ पहुंची हैं।
माना जा रहा है कि प्रियंका गांधी कोई ख़ास संदेश लेकर सोनिया से मिलने पहुंची हैं। गौरतलब है कि सचिन पायलट को मनाने की कोशिशों के तहत प्रियंका गांधी ने भी पायलट से बात की थी और सचिन पायलट उनके संपर्क में हैं।
वहीँ दूसरी तरफ सचिन पायलट को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद उनकी जगह प्रदेश अध्यक्ष पद पर गोविंद सिंह डोटासरा की ताजपोशी हो गई है। गोविंद सिंह डोटासरा तीन बार के विधायक हैं और वे गहलोत सरकार में शिक्षा मंत्री हैं।
गोविंद सिंह डोटासरा जाट समुदाय से आते हैं, जो राजस्थान की सियासत में काफी अहम माना जाता है। माना जा रहा है कि जाट समुदाय के बीजेपी के परम्परागत वोट बैंक को लुभाने के लिए पार्टी ने गोविंद सिंह को प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान सौंपी है।
इससे पहले आज जयपुर के एक होटल में हुई विधायक दल की बैठक में उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के खिलाफ कार्रवाही की मांग उठी थी। इसके बाद कांग्रेस हाईकमान ने बड़ा एक्शन लेते हुए सचिन पायलट और उनके समर्थक मंत्रियों को पद मुक्त करने के अलावा प्रदेश युवक कांग्रेस और प्रदेश कांग्रेस सेवादल अध्यक्ष को पद मुक्त करने की कार्रवाही को हरी झड़ी दे दी।
सूत्रों के मुताबिक आज हुई विधायक दल की बैठक में 102 विधायकों ने हाथ उठाकर अशोक गहलोत का समर्थन किया। इससे साफ़ है कि फिलहाल अशोक गहलोत सरकार को कोई खतरा नहीं है। इस बीच सचिन पायलट ने अपने ट्विटर बायो से कांग्रेस हटा दिया है और लिखा है कि “सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं।”
वहीँ सचिन पायलट के खिलाफ एक्शन के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि “उनका जो रवैया रहा है 6महीने से “आ बैल मुझे मार” जैसा रहा है। रोज ट्वीट करना स्टेटमेंट देना। विधायकों के साथ मैंने कोई भेदभाव नहीं किया। खुशी किसी को नहीं है। पूरे प्रयास किए गए पर फिर भी देखा गया कि सौदे हो चुके हैं भाजपा के साथ नजदीकियां बढ़ चुकी हैं।”
उन्होंने कहा कि “सचिन पायलट के हाथ में कुछ भी नहीं है, जो पूरा कुनबा है वो भाजपा के हाथ में खेल रहा है। रिजॉर्ट बुक किया गया है, सारी व्यवस्था भाजपा की है। जो टीम पहले मध्य प्रदेश में व्यवस्था कर रही थी वही टीम इस बार व्यवस्था कर रही है।”
बीजेपी पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाते हुए गहलोत ने कहा कि “आखिरकार मजबूरी में हाई कमांड को फैसला करना पड़ा क्योंकि काफी समय से भाजपा षड़यंत्र कर रही थी। हम जानते थे कि ये षड़यंत्र बहुत बड़ा है होर्स ट्रडिंग हो रही है। ये स्थिति उसी वजह से पैदा हुई है। हमारे कुछ साथी गुमराह होकर दिल्ली चले गए।”