74वे स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति का राष्ट्र के नाम संबोधन

74वे स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति का राष्ट्र के नाम संबोधन

नई दिल्ली। देश के 74वें स्‍वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्‍या पर राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देशवासियों को शुभकामनायें दी हैं। राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हम अपने स्वाधीनता सेनानियों के बलिदान को कृतज्ञता के साथ याद करते हैं। उनके बलिदान के बल पर ही हम सब आज स्वाधीन देश के निवासी हैं।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष स्वतंत्रतादिवस के उत्सवों में हमेशा की तरह धूम-धाम नहीं होगी। इसका कारण स्पष्ट है। पूरी दुनिया एक ऐसे घातक वायरस से जूझ रही है जिसने जन-जीवन को भारी क्षति पहुंचाई है और हर प्रकार की गतिविधियों में बाधा उत्पन्न की है।

राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्र उन सभी डॉक्टरों, नर्सों तथा अन्य स्वास्थ्य-कर्मियों का ऋणी है जो कोरोना वायरस के खिलाफ इस लड़ाई में अग्रिम पंक्ति के योद्धा रहे हैं ये हमारे राष्ट्र के आदर्श सेवा-योद्धा हैं। इन कोरोना-योद्धाओं की जितनी भी सराहना की जाए, वह कम है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि आज जब विश्व समुदाय के समक्ष आई सबसे बड़ी चुनौती से एकजुट होकर संघर्ष करने की आवश्यकता है, तब हमारे पड़ोसी ने अपनी विस्तारवादी गतिविधियों को चालाकी से अंजाम देने का दुस्साहस किया। पूरा देश गलवान घाटी के बलिदानियों को नमन करता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि आज जब विश्व समुदाय के समक्ष आई सबसे बड़ी चुनौती से एकजुट होकर संघर्ष करने की आवश्यकता है, तब हमारे पड़ोसी ने अपनी विस्तारवादी गतिविधियों को चालाकी से अंजाम देने का दुस्साहस किया। वहीं उन्होंने कहा कि सैनिकों की वीरता ने दिखाया कि भारत आक्रमण के किसी भी प्रयास का जवाब देने में सक्षम है।

उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के कारण सामने आई चुनौतियों का सरकार की ओर से प्रभावी ढंग से जवाब देने का अलौकिक प्रयास किया गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अपनी पहचान बनाए रखते हुए विश्व अर्थव्यवस्था के साथ जुड़़ाव जारी रखेगा। राष्ट्रपति ने कहा कि केवल 10 दिन पहले अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का शुभारंभ हुआ है और देशवासियों को गौरव की अनुभूति हुई है।

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