शाहीन बाग़ में फिर बातचीत करने पहुंचे वार्ताकार
नई दिल्ली। नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग़ में पिछले दो महीने से अधिक समय से चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच सुप्रीमकोर्ट द्वारा नियुक्त वार्ताकार आज एक बार फिर बातचीत के लिए शाहीन बाग़ पहुंचे।
मंगलवार को शाहीन बाग़ पहुंचे वार्ताकार संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन ने एक बार फिर प्रदर्शनकारियों से रास्ता खुलवाने को लेकर बातचीत की। इससे पहले संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन चार बार शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर चुके हैं लेकिन बातचीत से कोई नतीजा नहीं निकल सका।
सूत्रों की माने तो मंगलवार को शाहीन बाग़ पहुंचे वार्ताकारो ने एक बार फिर प्रदर्शनकारियों से कालिंदी कुंज शाहीन बाग़ मार्ग को खाली करने के लिए मनाने की कोशिश की। वहीँ बातचीत में दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर भी चिंता व्यक्त की गई।
सूत्रों ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने एक बार फिर नागरिकता कानून वापस होने या प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा की लिखित गारंटी मिलने का सवाल उठाया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सुप्रीमकोर्ट से उन्हें उम्मीद हैं कि न्याय मिलेगा।
शाहीन बाग़ प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनके आंदोलन को लगातार धमकियां मिल रही हैं। अभी हाल ही में हिन्दू सेना की धमकी के बाद इलाके में धारा 144 लगाई गई थी और भारी मात्रा में अर्धसैनिकबल तैनात किये गए थे। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हम नागरिकता कानून के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं, ऐसे में हमारी सुरक्षा की ज़िम्मेदारी सरकार की है।
गौरतलब है कि शाहीन बाग से प्रदर्शनकारियों को हटाने का मामला सुप्रीम कोर्ट में है, जिसपर 23 मार्च को सुनवाई होनी है। प्रदशनकारियों की यह मांग है कि सरकार सीएए और एनआरसी को वापस ले, इसके विरोध में वे पिछले दो माह से भी अधिक समय से प्रदर्शन कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने वार्ताकार नियुक्त कर इस समस्या का समाधान करने की कोशिश की थी, लेकिन वार्ताकार सफल नहीं हो पाये. वार्ताकारों ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है जिसके बाद अब इसपर 23 मार्च को सुनवाई होना है।