अवमानना मामले में प्रशांत भूषण का माफ़ी मांगने से इंकार

अवमानना मामले में प्रशांत भूषण का माफ़ी मांगने से इंकार

नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट की अवमानना मामले में दोषी करार दिए गए वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने अपने बयान में आज बदलाव कर दाखिल किया है। प्रशांत भूषण ने अवमानना मामले में बिना शर्त माफ़ी मांगने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को अवमानना के मामले में बिना शर्त माफी मांगने के लिए आज तक का समय दिया था। प्रशांत भूषण के जबाव के साथ ही सुप्रीमकोर्ट द्वारा तय की गई डेडलाइन भी आज समाप्त हो गई है।

इससे पहले बीते गुरूवार को सुप्रीमकोर्ट की अवमानना मामले में देश की सर्वोच्च अदालत ने अब वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण को अपने बयान पर पुनर्विचार करने के लिए दो दिन की मोहलत दी थी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि था कि सुप्रीमकोर्ट के खिलाफ अपमानजनक ट्विट के लिये क्षमा याचना से इंकार करने वाले उनके ‘विद्रोही बयान’ पर दोबारा गौर करने के लिए भूषण को हम दो-तीन दिन का वक्त दे रहे हैं।

इस पर प्रशांत भूषण ने कहा था कि वह दो-तीन दिन में अपने वकीलों से परामर्श लेंगे और सुप्रीम कोर्ट की सलाह पर विचार करेंगे। भूषण ने कहा कि मेरे ट्वीट एक नागरिक के रूप में मेरे कर्तव्य का निर्वहन करने का प्रयास थे। अगर मैं इतिहास के इस मोड़ पर नहीं बोलता तो मैं अपने कर्तव्य में असफल होता। मैं कोई भी सजा स्वीकार करने को तैयार हूँ।

प्रशांत भूषण मामले में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने भी सुप्रीमकोर्ट से अपील की थी कि वह प्रशांत भूषण को सजा न दे। वेणुगोपाल ने कोर्ट से कहा था कि प्रशांत आम लोगों के हित में शानदार काम करते रहे हैं। इसे देखते हुए उन्हें माफ़ किया जाना चाहिए।

इस पर कोर्ट ने कहा कि प्रशांत भूषण के बयान की शैली, सार और विषय वस्तु ने इसे और खराब कर दिया, क्या यह प्रतिरक्षा है या क्रोध। इसके बाद न्यायालय ने कहा कि अगर गलती का अहसास हो तो अदालत काफी नरमी दिखा सकता है।

कोर्ट ने साफ़ शब्दों में कहा कि जब तक प्रशांत भूषण अपने कहे के लिए माफ़ी नहीं मांगते तब तक अटॉर्नी जनरल की अपील पर विचार नहीं किया जा सकता।

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TeamDigital