पीएम मोदी ने विपक्ष पर लगाया किसानो को गुमराह करने का आरोप
नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 96वे जन्मदिन के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीएम किसान सम्मान निधि योजना की अगली किस्त जारी की, प्रधानमंत्री ने 9 करोड़ से अधिक किसान लाभार्थियों के खातों में 18,000 करोड़ से अधिक की राशि ट्रांसफर की।
इस अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी ने 6 राज्यों के किसानो के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिये संवाद किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में किसान आंदोलन को लेकर विपक्ष को कटघरे में खड़ा किया।
पीएम मोदी ने कहा कि किसानों के जीवन में खुशी, हम सभी की खुशी बढ़ा देती है। सभी देशवासियों को क्रिसमस की शुभकामनाएं। मेरी कामना है कि क्रिसमस का ये त्योहार विश्व में प्रेम, शांति और सद्भाव का प्रसार करे।
उन्होंने किसान आंदोलन को लेकर विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि कुछ लोग ऐसा भ्रम फैला रहे हैं कि आपकी फसल का कोई कांट्रैक्ट करेगा तो जमीन भी चली जाएगी। इतना झूठ बोल रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि मुझे आज इस बात का अफसोस है कि मेरे पश्चिम बंगाल के 70 लाख से अधिक किसान भाई-बहनों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। बंगाल की सरकार के राजनीतिक कारणों से उनके राज्यों के किसानों को पैसे नहीं मिल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जो लोग 30 साल तक बंगाल में राज करते थे उन्होंने बंगाल की क्या हालत करके रख दी है सारा देश जानता है। जो दल पश्चिम बंगाल में किसानों के अहित पर कुछ नहीं बोलते, वो यहां किसान के नाम पर देश की अर्थनीति को बर्बाद करने में लगे हुए हैं। ये दल मंडियों की बात कर रहे हैं और बड़ी-बड़ी हेडलाइन लेने के लिए भाषण दे रहे हैं। लेकिन वही दल जिन्होंने बंगाल को बर्बाद किया, केरल के अंदर उनकी सरकार है। इससे पहले जो 50-60 साल राज करते थे उनकी सरकार थी केरल में APMC मंडियां नहीं हैं। केरल में आंदोलन करके वहां APMC शुरू कराओ।
पीएम मोदी ने कहा कि किसानों के नाम पर अपने झंडे लेकर जो खेल खेल रहे हैं, अब उनको सच सुनना पड़ेगा। ये लोग अखबार और मीडिया में जगह बनाकर, राजनीतिक मैदान में खुद के जिंदा रहने की जड़ी-बूटी खोज रहे हैं। लेकिन देश का किसान उनको पहचान गया है।
पीएम ने विपक्ष पर कड़े प्रहार करते हुए कहा कि ये वही लोग हैं जो वर्षों तक सत्ता में रहे। इनकी नीतियों की वजह से देश की कृषि और किसान का उतना विकास नहीं हो पाया जितना उसमें सामर्थ्य था। पहले की सरकारों की नीतियों की वजह से सबसे ज्यादा बर्बाद छोटा किसान हुआ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जो किसानों के लिए इतने आंसू बहा रहे हैं, इतने बड़े-बड़े बयान दे रहे हैं। जब ये लोग सरकार में थे तब इन्होंने किसानों का दुख दूर करने के लिए क्या किया ये देश का किसान अच्छी तरह जानता है।
उन्होंने कहा कि जो किसानों के नाम पर आज आंदोलन कर रहे हैं, जब उनका समय था तब वे चुप थे। जो लोग आंदोलन चला रहे हैं तब वे उस सरकार को समर्थन करते थे। यही लोग स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के ऊपर सालों तक बैठे थे। हमने आकर निकाला क्योंकि हमारे जीवन का मंत्र किसान की ज़िंदगी का भला करना है।