पीएम मोदी के प्रधान सलाहकार का इस्तीफा, इनके लिए बदला गया था 60 साल पुराना नियम

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सलाहकार पीके सिन्हा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सिन्हा ने इस्तीफे के लिए निजी कारणों का हवाला दिया है।
भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1977 बैच के अधिकारी रहे सिन्हा को सितंबर 2019 में प्रधानमंत्री के प्रधान सलाहकार के पद पर नियुक्त किया गया था।
पीएम मोदी के लिए पीके सिन्हा कितने अहम थे, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्हें पसंद के पद पर बनाये रखने के लिए सरकार ने 60 साल पुराने नियम को ही बदल दिया था।
ऊर्जा सचिव के पद पर सिन्हा के काम-काज से पीएम मोदी इतने प्रभावति हुए कि उन्हें 2015 में कैबिनेट सेक्रेटरी की जिम्मेदारी दे दी। 2 साल बाद 2017 में उनका कार्यकाल खत्म हो रहा था, लेकिन सरकार ने उन्हें 1 साल का सेवा विस्तार दे दिया।
सिन्हा को तीसरी बार 3 महीने के लिए सेवा विस्तार दिया गया, इसके लिए मोदी सरकार द्वारा 60 साल पुराना वह नियम भी बदल दिया गया जिसके मुताबिक अखिल भारतीय सेवा नियम 1958 के अनुसार कैबिनेट सचिव का कुल कार्यकाल 4 साल से ज्यादा का नहीं हो सकता है। लेकिन पीके सिन्हा के मामले में सरकार ने नियम को बदलते हुए उन्हें तीन बार सेवा विस्तार दिया।