धर्म परिवर्तन के खिलाफ योगी सरकार के कानून को हाईकोर्ट में चुनौती
लखनऊ ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा धर्म परिवर्तन के खिलाफ बनाये गए कानून को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। इस कानून के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर की गई एक जनहित याचिका में इस कानून के तहत लोगों का उत्पीड़न किये जाने का संदेह जताया गया है।
सौरभ कुमार द्वारा दायर की गई इस जनहित याचिका में कहा गया है कि धर्म परिवर्तन के खिलाफ बनाये गए कानून को नैतिक व संवैधानिक रूप से अवैध बताते हुए उसे रद्द करने की मांग की गई है।
याचिका में इलाहबाद हाईकोर्ट के उस फैसले का हवाला दिया गया है जिसमे कोर्ट ने कहा है कि दो बालिग शादी कर सकते हैं. कोर्ट ने धर्म बदलकर शादी करने को जायज बताया है। कोर्ट ने कहा है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी पसंद से जीवन साथी व धर्म चुनने का अधिकार है।
याचिका में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री विवाह के लिए धर्म परिवर्तन को लव जिहाद की श्रेणी में मानते हैं जबकि इलाहाबाद हाईकोर्ट की एकल बैंच इसे ख़ारिज कर चुकी है और विवाह के लिए अपनी पसंद से जीवन साथी व धर्म चुनने को अधिकार हर व्यक्ति का अधिकार बताया गया है।
याचिका में सलामत अंसारी केस का हवाला देते हुए कहा गया है कि यह अध्यादेश जीवन के अधिकार अनुच्छेद- 21 का भी उल्लंघन करता है। अध्यादेश जीवन के अधिकार अनुच्छेद 21का भी उल्लंघन करता है।