राजद से गठबंधन के लिए हुई थी ओवैसी की बात लेकिन इसलिए नहीं हो पाया फैसला

राजद से गठबंधन के लिए हुई थी ओवैसी की बात लेकिन इसलिए नहीं हो पाया फैसला

नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव में विपक्ष के गठजोड़ वाले महागठबंधन में शामिल होने के लिए आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) को भी प्रस्ताव दिया गया था। इस सिलसिले में बातचीत भी आगे बढ़ी लेकिन अंत में बात नहीं बन सकी। यह खुलासा खुद एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने किया है।

एनडीटीवी से बात करते हुए एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने एक सवाल के जबाव में स्वीकार किया कि बिहार विधानसभा चुनाव के लिए उनकी पार्टी को भी महागठबंधन में शामिल होने का प्रस्ताव मिला था।

एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बिहार चुनाव से कई महीने पहले राष्ट्रीय जनता दल राजद से गठबंधन की कोशिश की लेकिन राजद ने हमारी बात नहीं मानी।

ओवैसी ने कहा कि वह ख़ुद दिल्ली में राजद के नेताओं से मिले जबकि पटना में उनकी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख़तरुल ईमान ने राजद के नेताओं से मुलाक़ात और गठबंधन की कोशिश की लेकिन बात नहीं बनी।

उन्होंने कहा कि हमने राजद से यह भी कहा कि आप एलायंस नहीं कर रहे हैं तो हमें बाद में वोट कटवा मत कहिएगा मगर राजद के नेताओं की ओर से उचित जवाब न मिलने के कारण एलायंस नहीं हो सका।

तरफ राजद सूत्रों का कहना है कि एआईएमआईएम बिहार में 50 सीटों पर दावा कर रही थी। जिस समय बातचीत हुई थी, उस समय महागठबंधन में कांग्रेस के अलावा हम,रालोसपा और वीआईपी पार्टी भी शामिल थे। यही कारण था कि ओवैसी को 50 सीटें नहीं दी जा सकती थीं।

गौरतलब है कि असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम बसपा, रालोसपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। एआईएमआईएम को सीमांचल इलाके में बड़ी सफलता हासिल हुई है और पार्टी ने 5 सीटें जीती हैं वहीं कई सीटों पर उसके उम्मीदवारों ने दूसरे दलों को कड़ी टक्कर दी है।

चुनाव परिणाम आने के बाद गैर बीजेपी दलों द्वारा एआईएमआईएम पर सेकुलर वोटों के विभाजन करने का ठीकरा भी फोड़ा गया। इसके जबाव में ओवैसी ने कहा कि ये गलत इलज़ाम है। जहां मैं चुनाव नहीं लड़ा वहां ये लोग क्यों हारे? मध्य प्रदेश में ये 19 सीटें हारे, गुजरात में सभी 8 सीटें हारे, जब मेरा उम्मीदवार वहां नही था तो फिर वहां क्यों हारे ?

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TeamDigital