हरियाणा: खटटर सरकार के खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव गिरा

हरियाणा: खटटर सरकार के खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव गिरा

चंडीगढ़। हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी सरकार के खिलाफ आज कांग्रेस द्वारा विधानसभा में लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिर गया। प्रस्ताव के पक्ष में सिर्फ 32 वोट पड़े जबकि अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ 55 वोट पड़े।

अविश्वास प्रस्ताव को लेकर विपक्ष द्वारा किया जा रहा दावा उस समय ख़ारिज हो गया जब सरकार के पक्ष में बहुमत से कहीं अधिक मत पड़े। हरियाणा विधानसभा में बहुमत सबित करने के लिए खटटर सरकार को 45 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता थी जबकि उसके पक्ष में 55 विधायकों ने वोट दिया।

विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव विधानसभा में गिरने के बाद हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने मीडिया से कहा, “जिन लोगों ने विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रयास किया है वोटों के माध्यम से उनको जवाब दे दिया गया है।”

उन्होंने कहा कि आज सदन के अंदर कई लोगों के चेहरों से नकाब हटे। वे लोग जो कहते थे कि कृषि के 3 क़ानून काले हैं, उन्होंने सदन में माना ये काले क़ानून नहीं हैं। इन लोगों का लक्ष्य कृषि क़ानूनों को वापस लेना नहीं है। उनका लक्ष्य है किसी तरह सत्ता में दोबारा आएं।

वहीँ हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर ने कहा कि आज विपक्ष (कांग्रेस) विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे, उन्होंने पहले ही ये बात मान ली थी कि हम सिर्फ चर्चा के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाए हैं, ये सरकार को गिराने के लिए नहीं है.. हमने उनकी आपत्तियों पर एक-एक करके बात कहीं। उनका अविश्वास प्रस्ताव औंधे मुंह गिरा।

किसान आंदोलन को लेकर सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि कल संयुक्त किसान मोर्चा ने बातचीत करने के लिए 9 सदस्यीय कमेटी बनाई है। बातचीत फिर होकर कोई हल निकाला जाए। ये किसान आंदोलन किसी के हित में नहीं है, इससे नुकसान बहुत हो रहा है।

वहीँ हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आरोप लगाया है कि उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव पर गुप्त मतदान की मांग विधानसभा अध्यक्ष से की थी लेकिन उनकी मांग नहीं मानी गई। यदि गुप्त मतदान की अनुमति दी गई होती तो आज विधानसभा में परिणाम अलग होता।

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TeamDigital