बजट पर कांग्रेस ने कहा, “बेच खाएंगे सब कुछ और छोड़ेंगे नहीं अब कुछ”, विपक्ष ने भी बोला हमला

बजट पर कांग्रेस ने कहा, “बेच खाएंगे सब कुछ और छोड़ेंगे नहीं अब कुछ”, विपक्ष ने भी बोला हमला

नई दिल्ली। संसद में आज वित् वर्ष 2021-2022 के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किये गए आम बजट को लेकर राजनैतिक दलों की प्रतिक्रियाएं आना जारी हैं। जहां एनडीए से जुड़े दलों ने बजट की सराहना की है वहीँ विपक्ष ने बीजेपी को निराशाजनक बताते हुए सरकार पर हमला बोला है।

कांग्रेस ने विपक्ष को देश के साथ धोखा करार दिया है। कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि “इस बजट का सार है ‘धोखा’। यह धोखेबाज बजट है। केंद्र सरकार ने रक्षा बजट नहीं बढ़ाया। जिस प्रकार से राजकोषीय और वित्तीय घाटा लगभग 9.5-10% तक पहुंच गया है, यह निवेशक और अर्थव्यवस्था के लिए खतरे की बड़ी घंटी है।”

सुरजेवाला ने कहा कि सबसे बड़ा धोखा खेती के साथ किया गया, खेती का बजट लगभग 6% काट दिया गया। मार्केट इंटरवेंशन स्कीम को 2000 करोड़ से 1500 करोड़ कर दिया गया। पीएम किसान योजना जिसकी बार-बार चर्चा की जाती है उसमें 13% की कटौती कर दी गई है।

उन्होंने कहा कि इस बजट ने गरीब को धोखा दिया, नौकरी पेशा लोगों को धोखा दिया, मजदूर-किसान, छोटे उद्योग को धोखा दिया और उन सांसदों को भी धोखा दिया जो वित्त मंत्री के बजटीय भाषण को सुन रहे थे।

सुरजेवाला ने कहा कि जो चीज़ें देश की सुरक्षा और अस्मिता के लिए आवश्यक थी उनकी चर्चा तक वित्त मंत्री ने नहीं की। उदाहरण के तौर पर, आपने देश की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े डिफेंस बजट में एक फूटी कौड़ी तक नहीं बढ़ायी गयी। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब चीन हमारी सरजमीं पर कब्जा किए है। रक्षा बजट की चर्चा तक ना करना इस देश की सरकार की प्राथमिकता या उसकी कमी की ओर इशारा करता है।

सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जैसा कि उन्होंने विनिवेश के बारे में चर्चा करते हुए कहा तो इसके बारे में केवल दो लाइन में कहा जा सकता है कि ‘बेच खाएंगे सब कुछ और छोड़ेंगे नहीं अब कुछ।

बजट की आलोचना करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि अगर फाइनेंस कमीशन और कॉस्ट ऑफ वैक्सीनेशन को निकाल दिया जाए तो यहां तक कि ड्रिंकिंग वाटर और सेनिटेशन का बजट भी स्वास्थ्य के अंदर जोड़कर एक आंकड़ों की मायावी जादूगरी पेश करने की नाकाम कोशिश की गयी।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से राजकोषीय घाटा और वित्तीय घाटा लगभग साढ़े नौ और 10% तक पहुंच गया है यह निवेशकों के लिए और देश की अर्थव्यवस्था के लिए खतरे की बड़ी घंटी है। सरकारी खर्च में एक पैसे की बढ़ोतरी ना करना जिससे अर्थव्यवस्था और रोजगार दोनों उत्पन्न होते, यह अपने आपमें इस सरकार की इस गलत प्राथमिकताओं को दिखाता है।

यह बजट दिल्ली वालो के साथ धोखा है: सिसोदिया

आज पेश किये गए आम बजट को लेकर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि बजट में केंद्र सरकार ने दिल्ली के साथ धोखा किया है। दिल्ली को सिर्फ 325 करोड़ रुपये दिए हैं। दिल्ली को पिछले 17 सालों से केंद्र सरकार 325 करोड़ रुपये देती आई हैं। एक रुपये भी नहीं बढ़ाया। उम्मीद थी कोरोना काल में पैसा बढ़ाकर दिया जाएगा।

यह बजट देश के निर्माण के लिए नहीं बल्कि देश बेचने का है: तेजस्वी यादव

वहीँ राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बजट देश निर्माण के लिए नहीं था बल्कि देश बेचने के लिए था। आप जानते हैं कि कई संस्थानों की संपत्तियों को बेचा गया। जितनी संपत्तियां बची है उसे निजी क्षेत्र को देने की तैयारियां चल रही है। आम नागरिकों की कमर तोड दी गई। चंद लोगों का ख्याल इस बजट में रखा गया है।

बजट में किसानो, युवाओं के लिए कुछ नहीं: अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बजट की आलोचना करते हुए कहा कि इस बजट ने उन सभी प्रदर्शनकारी किसानों को क्या दिया? बीजेपी हमेशा कहती थी कि वो आय दोगुनी करेगी, क्या इस बजट से किसानों की आय दोगुनी हो रही? हमारे युवा जो पढ़ाई करना चाहते हैं उनके लिए काम, रोज़गार के लिए इस बजट में क्या व्यवस्था की गई है, क्या इनको रोज़गार मिलेगा ?

पेट्रोल-डीजल पर सेस लगने से कृषि पर बोझ बढ़ेगा: भूपेश बघेल

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बजट की आलोचना करते हुए इसे निराशाजनक बताया है। उन्होंने कहा कि बजट काफी निराशाजनक था। सरकारी बैंक, बंदरगाह, बीमा कंपनी, गोदामों को सरकार निजी कंपनियों के हाथ में बेचने की तैयारी में है। किसान, बेरोज़गार, नौकरीपेशा और मध्यमवर्ग के लिए कुछ नहीं है। पेट्रोल और डीजल में सेस लगेगा तो कृषि में बोझ बढ़ेगा।

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