अपने ही जाल में फंसी बीजेपी, स्टेडियम का नाम पीएम मोदी के नाम पर रखने पर उठे सवाल
नई दिल्ली। दुनिया के सबसे बड़े मोटेरा स्टेडियम का नाम बदलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर रखे जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अपने ही जाल में फंसी केंद्र सरकार ने अब इस मामले में सफाई दी है।
स्टेडियम का नाम पीएम मोदी के नाम पर रखे जाने के बाद उठे सवालो के बीच केंद्र सरकार ने बुधवार को स्पष्ट किया कि सिर्फ मोटेरा स्टेडियम का नाम बदला गया है जबकि पूरे खेल परिसर का नाम सरदार पटेल पर ही रहेगा।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को अहमदाबाद स्थित विश्व के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम का उद्घाटन किया। इस स्टेडियम का नाम नरेंद्र मोदी स्टेडियम रखा गया है जबकि पहले इसे मोटेरा स्टेडियम के नाम से जाना जाता है।
कांग्रेस ने इस मामले में सरकार और बीजेपी को कटघरे में खड़ा किया है। पार्टी ने स्टेडियम का नाम बदलकर नरेंद्र मोदी स्टेडियम किये जाने को सरकार पटेल का अपमान बताया है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने स्टेडियम के बारे में सीधा जिक्र ना करते हुए सरदार पटेल के एक कथन को साझा किया। इस मिट्टी में कुछ अनूठा है, जहां कई बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास रहा है।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट किया, शायद उन्हें लगा होगा कि यह स्टेडियम एक गृह मंत्री के नाम पर था जिसने उनके पितृ संस्था पर प्रतिबंध लगाया था! या हो सकता है कि ट्रंप जैसे किसी राष्ट्राध्यक्ष का दौरा सुनिश्चित करने के लिए अग्रिम बुकिंग हो? या फिर क्या यह विरासत तैयार करने की शुरुआत है?
कांग्रेस सांसद राजीव सातव ने कहा, मोटेरा क्रिकेट स्टेडियम का नाम सरदार पटेल से नरेंद्र मोदी के नाम पर करना शर्म की बात है। यह दर्शाता है कि हमारे प्रधानमंत्री कितने आत्ममुग्ध हो गए हैं। यह अपमानजनक है और निरंकुश तानाशाही का स्पष्ट संकेत है।
गुजरात में मोटेरा स्टेडियम का नाम बदलकर नरेंद्र मोदी करने पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कहा कि भाजपा की परंपरा रही है। जब अटल बिहारी वाजपेयी जी जीवित थे तब छत्तीसगढ़ में भी अटल चौक नाम रखा गया था। इसका मतलब कुछ संकेत है कि नरेंद्र मोदी जी अटल बिहारी वाजपेयी जी की तरह भूर्तपूर्व होंगे।
वहीँ कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने इस पूरे प्रकरण पर भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला। पवन खेड़ा ने एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि आज एक व्यक्ति बहुत मायूस होंगे, उनका नाम है – लालकृष्ण आडवाणी जी। वो सोच रहे होंगे काश कि, वह भी जब उप प्रधानमंत्री थे, तो वो भी अपने नाम पर कुछ करा देते। खैर, अब तो चूक गए। लेकिन मोदी जी बहुत समझदार हैं। आडवाणी जी की जिंदगी से वो यह सीखे हैं कि किसी और पर भरोसा नहीं होना चाहिए। जैसे जो हाल उन्होंने आडवाणी जी का बनाया, उन्हें भय रहता है कि जो है, मैं जब तक प्रधानमंत्री हूँ, अपने नाम पर भी कुछ कर जाऊँ। इतिहास आपको तब याद रखता है, जब आप कुछ ऐतिहासिक काम करते हैं। इन्हें मालूम है, इन्होंने कोई ऐतिहासिक काम नहीं किया है।
पवन खेड़ा ने स्टेडियम के पुनः उद्घाटन पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसा भी नहीं कि कोई नया स्टेडियम बनाया हो। स्टेडियम भी वो स्टेडियम है, जो 1983 में जिसका उद्धघाटन हुआ था। पुराने स्टेडियम को नया किया, उसका नवीकरण किया, जैसा कि वह योजनाओं का भी नाम बदल देते हैं। जैसा कि कई-कई और या तो नाम बदले हैं, या उनका नवीनीकरण कर दिया और अपना नाम लगा दिया।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मोटेरा स्टेडियम, सरदार वल्लभ भाई पटेल के नाम पर एक स्टेडियम है। गुजरात के दो सपूत हुए – मोहन दास करमचंद गांधी और सरदार वललभ भाई पटेल। 2017 में खादी ग्रामोद्योग का कैलेंडर आपको याद होगा, जहाँ गांधी जी को वणक्रम कर दिया था और खुद आ गए थे नरेन्द्र मोदी जी बैठ गए थे। आज सरदार पटेल जी को भी वणक्रम कर दिया।
पवन खेड़ा ने सवाल किया कि ये नफरत किससे है? ये देश की धरोहर है। अब उन्होंने वो महात्मा गांधी हों, सरदार वल्लभ भाई पटेल हों, नेताजी सुभाष चंद्र बोस हों, उन्होंने आरएसएस को ठुकराया, उस विचारधारा को ठुकराया तो उसमें पूरे देश का क्या कसूर था? उन्होंने सही ठुकराया।
पवन खेड़ा ने कहा कि आज आप बदला किस बात का ले रहे हो उनसे, सिर्फ इस बात का कि सरदार वललभ भाई पटेल ने आरएसएस पर पाबंदी लगाई थी। उन्होंने कहा कि आपमें से कुछ लोगों को मालूम होगा कि आरएसएस के हेडक़ार्टर पर एच. वी. शेषाद्री द्वारा लिखित पुस्तक “The Tregic Story of Partition” सरदार वल्लभ भाई पटेल की निंदा करते हुए, वो मुफ्त में बांटी जाती थी, अब 100 रुपए लिए जाते हैं। क्योंकि अब आरएसएस ने हर चीज को कॉमर्शियल कर दिया । पहले आरएसएस के हेडक्वार्टर पर सरदार वलल्लभ भाई पटेल के खिलाफ पुस्तक मुफ्त में बांटी जाती थी ।