जेएनयू मामले में विपक्ष ने बीजेपी और मोदी सरकार को घेरा

जेएनयू मामले में विपक्ष ने बीजेपी और मोदी सरकार को घेरा

नई दिल्ली। रविवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविधालय में छात्रों पर हुए हमले को लेकर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। विपक्षी दलों के नेताओं ने नकाबपोश लोगों द्वारा छात्रों पर किये गए हमले के लिए बीजेपी और मोदी सरकार को सीधे तौर पर ज़िम्मेदार ठहराया है।

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि आज देश में युवाओं और छात्रों की आवाज को दबाया और उनका मज़ाक बनाया जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि मोदी सरकार के संरक्षण में देश के युवाओं की आवाज को दबाकर गुंडों द्वारा हिंसा को बढ़ावा दिया जा रहा है। एक बयान में सोनिया गांधी ने कहा कि कल जेएनयू में छात्रों-फैकल्टी पर हुआ हमला सरकार के द्वारा लोगों की असहमति की आवाज़ को दबाने के लिए याद किया जाएगा।

वहीँ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने जेएनयू में हमले के लिए सीधे तौर पर दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को भी कटघरे में खड़ा किया। चिदंबरम ने कहा कि इस तरह की घटनाएं इस बात का सबूत दे रही हैं कि हम लगातार अराजकता की ओर बढ़ रहे हैं। ये देश की राजधानी के एक प्रतिष्ठित संस्थान में हुआ है यानी केंद्र सरकार, गृह मंत्री, उपराज्यपाल और पुलिस कमिश्नर की नाक के नीचे ये घटनाएं हो रही हैं।

उन्होंने कहा कि 2010 और 2020 के NPR में ज़मीन आसमान का अंतर है, मोदी सरकार जो NRC लाई है, वह देश को बांटने का एक प्लान है। सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व गृह मंत्री बोले कि दिल्ली पुलिस कमिश्नर कहां हैं, वह जब टीवी पर सबकुछ लाइव दिख रहा है तो वह जेएनयू छात्रों से मिलने क्यों नहीं गए। इस घटना के लिए वही जिम्मेदार हैं।

वहीँ महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने नकाबपोश हमलावरों को आतंकी की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि इन हमलों की वजह से हमारे देश की इमेज पूरी दुनिया में खराब हो रही है। इन गुंडों को आंतकवादी कहना चाहिए, क्योंकि वे भी मुंह छिपाकर ही आते हैं। इस पर तय समय के अंदर कार्रवाई होनी चाहिए, वरना विदेश के छात्र यहां पढ़ने नहीं आएंगे।

जेएनयू की घटना पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि हम सब इस वक्त आजादी की दूसरी लड़ाई लड़ रहे हैं, अब संवैधानिक पदों को भी नहीं बख्शा जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश के सभी छात्रों को इस मसले पर एक साथ लड़ाई लड़नी चाहिए। ममता बनर्जी ने कहा कि वह अपनी पार्टी के कुछ नेताओं को इस मामले की जांच करने के लिए भेजेंगी।

वहीँ आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने जेएनयू में हुए हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि मैं इस हिंसा की निंदा करता हूं। कायर नकाबपोशों ने छात्रों पर हमला किया। उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन्होंने नकाबपोशों को अंदर आने की इजाजत दी, अब वे ही मामले की जांच करेंगे।

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