विपक्ष ने साझा बयान जारी कर सरकार से की जम्मू कश्मीर के नेताओं की रिहाई की मांग
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती सहित गिरफ्तार सभी लोगों की रिहाई की मांग को लेकर आज विपक्ष के कई दिग्गजों ने एक साझा बयान जारी किया।
पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी, सीपीआई नेता डी राजा, सीपीआई-एम के नेता सीताराम येचुरी और आरजेडी सांसद मनोज झा के हस्ताक्षरों से जारी एक साझा बयान में सरकार से मांग की गई है कि जम्मू कश्मीर में गिरफ्तार किये गए सभी लोगों की तुरंत रिहाई की जाए।
विपक्ष के नेताओं की तरफ से जारी ये गए साझा बयान में कहा गया है कि हम सभी जम्मू कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित गिरफ्तार किये गए सभी राजनीतिक बंदियों की तुरंत रिहाई की मांग करते हैं।
बयान में कहा गया है कि “लोकतांत्रिक मानदंडों, नागरिकों के मौलिक अधिकारों और नागरिक स्वतंत्रता पर लगातार हमले बढ़ रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, असंतोष को न केवल दबाने का प्रयास किया जा रहा है, बल्कि उचित आवाज उठाने के तरीकों को भी व्यवस्थित तौर से चुप कराया जा रहा है।”
बयान में विपक्ष के नेताओं ने कहा कि “मोदी सरकार के पास ऐसा कोई सबूत नहीं है और ना ही इन तीन नेताओं के पिछले रिकॉर्ड में कुछ भी ऐसा है जो यह साबित करे कि कि वे जम्मू-कश्मीर में सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते हैं या उन्होंने अपनी गतिविधियों से राष्ट्रीय हितों को खतरे में डाला है।”
गौरतलब है कि पिछले साल 5 अगस्त को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया था। साथ ही सुरक्षा के मद्देनजर घाटी के कई नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था। वहीं, इंटरनेट और मोबाइल सेवा भी बंद कर दिए गए थे। लगभग 7 महीने के बाद घाटी में फिलहाल 2जी बहाल की गई है।