सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने सरकार से मांगी फारूक अब्दुल्ला की रिहाई

सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने सरकार से मांगी फारूक अब्दुल्ला की रिहाई

नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र से पहले आज प्रधानमंत्री की अगुवाई में बुलाई गयी सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता और लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला की रिहाई का मुद्दा उठाया।

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलामनबी आज़ाद ने श्रीनगर से सांसद फारूक अब्दुल्ला की नज़रबंदी का मामला उठाया। आज़ाद ने कहा कि उन्हें तुरंत रिहा किया जाना चाहिए जिससे वे संसद की कार्रवाही में हिस्सा ले सकें।

सर्वदलीय बैठक के बाद गुलामनबी आज़ाद ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि “हमने सरकार से मांग की है कि उन्हें सदन की बैठक में भाग लेने की इजाजत मिलनी चाहिए। विपक्ष इस मांग को सदन में भी उठाएगा।”

यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार की तरफ से फारूक अब्दुल्ला को रिहा किये जाने को लेकर कोई आश्वासन मिला है ?, इस पर आज़ाद ने कहा कि “यहां सरकार में जवाब कौन देता है?”

सर्वदलीय बैठक में फारुख अब्दुल्ला के साथ साथ कांग्रेस ने पूर्व गृह मंत्री पी चिदम्बरम को भी सदन की बैठक में शामिल होने के लिए रिहा करने की मांग की। आजाद ने कहा कि इससे पहले भी कई सांसदों को विचाराधीन मामलों की स्थिति में सदन कर बैठक में भाग लेने का मौका दिया जाता रहा है। इसलिए पी चिदम्बरम को भी इसकी अनुमति मिलनी चाहिए।

वहीँ फारुख अब्दुल्ला को लेकर विपक्ष की दलीलों के बारे में पूछे जाने पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इतना ही कहा कि इस बारे में कानून सम्मत तरीके से जो भी आवश्यक होगा किया जाएगा।

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों सहित कुछ नेताओं को विवादास्पद सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत में लिया गया था। इनमे फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती शामिल हैं।

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TeamDigital