यूपी में अब बिना हेलमेट टू व्हीलर ड्राइविंग पर एक हज़ार का चालान
लखनऊ ब्यूरो। उत्तर प्रदेश में मोटरयान कराधान अधिनियम 1997 के अंतर्गत दो धाराओं धारा-4 और धारा-6 में संशोधन किया गया है। अब बिना हेलमेट टू व्हीलर ड्राइविंग पर एक हज़ार रूपये का चालान होगा।
उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने आज सीएम योगी आदित्यनाथ अध्यक्षता में संपन्न हुई केबिनेट की बैठक में लिए गए फैसलों की मीडिया को जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि आज हुई बैठक में कैबिनेट ने 15 प्रस्तावों पर मुहर लगाई है। इसमें प्रमुख रूप से योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम 1997 के अंतर्गत दो धाराओं में संशोधन किया है। इसके तहत कई तरह के जुर्माने/चालान की राशि में बढ़ोत्तरी की गई है।
कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम 1997 के अंतर्गत दो धाराओं धारा-4 और धारा-6 में संशोधन किया गया है। इसके तहत यूपी में ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों के ज्यादा से ज्यादा निर्माण करने को प्रोत्साहन देने के लिए कोशिश की गई है। इसमें एक लाख दुपहिया वाहनों पर रोड टेक्स में सौ फीसदी छूट दिए जाने का प्रावधान रखा गया है।
ये हैं प्रमुख बदलाव:
1- पहले पार्किग के नियम का उल्लंघन करने पर पहली बार 500 रुपए और दोबारा उल्लंघन पर 1000 रुपए जुर्माना लगता था, ये अब बढ़ाकर 500 रुपए और 1500 रुपए कर दिया गया है।
2- अधिकारी आदेश न मानना, काम में बाधा डालने पर पहले 1000 रुपए जुर्माना था, अब 2000 रुपए कर दिया गया है।
3- इसी तरह गलत तथ्य छिपाकर ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करने में पहले 2500 का जुर्माना लगता था, इसे बढ़ाकर अब 10 हजार रुपये कर दिया गया है।
4- पहले गाड़ी में परिवर्तन कर उसे बेचने पर कोई जुर्माना नहीं लगता था, अब इसमें एक लाख प्रति वाहन जुर्माना लगेगा।
5- इसी तरह बिना हेलमेट का चालान 500 रुपए होता था, इसे अब 1000 रुपए कर दिया गया है।
6- फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस को रास्ता नहीं देने पर 10000 रुपए जुर्माना लगेगा।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश के मूल निवासी, केन्द्रीय अर्द्ध सैन्यबलों/प्रदेशों के अर्द्ध सैन्यबलों तथा भारतीय सेना के (तीनों अंगो-थल, जल एवं वायु) के शहीद, जिनका परिवार उत्तर प्रदेश में निवास कर रहा हो, के परिवार को दी जाने वाली अनुग्रह राशि को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है।
अब 25 लाख रुपये की अनुग्रह आर्थिक सहायता को बढ़ाकर 50 लाख रुपये किये जाने का निर्णय लिया गया है।
इस निर्णय के अन्तर्गत यदि शहीद विवाहित है तथा उसके माता-पिता में से एक या दोनों जीवित हैं, तो शहीद की पत्नी एवं बच्चों को 35 लाख रुपये तथा माता-पिता अथवा उनमें से जीवित को 15 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जाएगी।
शहीद के विवाहित होने तथा माता-पिता में से किसी एक के भी जीवित नहीं होने की स्थिति में शहीद की पत्नी को कुल 50 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जाएगी।
शहीद के अविवाहित होने की स्थिति में शहीद के परिवार हेतु उसके माता-पिता अथवा उनमें से जीवित को कुल 50 लाख रुपये की धनराशि दी जाएगी।
धनराशि वितरण की निर्धारित सीमाओं में विशेष परिस्थितियों में आवश्यकतानुसार छूट दी जा सकती है लेकिन निर्धारित सीमाओं में किसी प्रकार की छूट से पूर्व गृह विभाग से उच्चादेश प्राप्त करना आवश्यक होगा।