मध्य प्रदेश: जारी है इस्तीफा गेम, कांग्रेस के एक और विधायक का इस्तीफा
भोपाल ब्यूरो। मध्य प्रदेश में उप चुनाव से पहले इस्तीफा गेम जारी है। अब कांग्रेस के एक और विधायक ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। अहम बात है कि इस्तीफा देने वाले विधायक तुरंत बीजेपी में भी शामिल हो रहे हैं।
अब मांधाता से कांग्रेस विधायक नारायण पटेल ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया है और विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा द्वारा इस्तीफा भी हाथोहाथ स्वीकार कर लिया गया है।
कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के पीछे बीजेपी की बड़ी रणनीति बताया जा रहा है। बीजेपी चाहती है कि राज्य में उपचुनाव के एलान से पहले अधिक से अधिक कांग्रेस विधायकों से इस्तीफे दिलवा दिए जाएं, जिससे उपचुनाव में सीटों की तादाद अधिक हो सके।
दरअसल सिंधिया समर्थक 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद खाली हुई 22 सीटों और पहले से रिक्त पड़ी 2 सीटों को मिलाकर कुल 24 सीटों पर उपचुनाव होना था लेकिन उसके बाद तीन और कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के बाद अब 27 सीटों पर उपचुनाव होगा और संभव है कि उपचुनाव के एलान से पहले कुछ और कांग्रेस विधायक इस्तीफा दे दें।
ऐसे में जितनी ज़्यादा सीटों के लिए उपचुनाव होगा, राज्य में बीजेपी की सत्ता उतनी ही मजबूत होगी। क्यों कि सिंधिया समर्थक पूर्व विधायकों वाली सीटों पर बीजेपी का अभी से बड़ा विरोध हो रहा है। चंबल-ग्वालियर के इलाके की 16 सीटों पर कांग्रेस मजबूत दिख रही है और यदि कांग्रेस 2018 के चुनाव वाला प्रदर्शन दोहराती तो बीजेपी की सत्ता जाना तय था।
वहीँ कांग्रेस बीजेपी के पूरे खेल को समझ रही है। खंडवा से कांग्रेस विधायक के दल बदल पर पूर्व मंत्री सचिन यादव ने कहा कि बीजेपी दबाव और प्रलोभन के जरिए विधायकों को खरीद रही है। विधायकों की खरीद-फरोख्त को उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भी नारायण पटेल शामिल हुए थे। पार्टी में रहने का भरोसा भी दिलाया था. लेकिन अब बीजेपी नेताओं के दबाव में आकर इस्तीफा दे दिया है।